मुकदमे तो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी सुनते है-एडवोकेट

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रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार (26 जून, 2024) को सुनवाई हुई. इस दौरान एडवोकेट अशोक पांडेय ने कहा कि उनके मुकदमे तो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी सुनते हैं.

कर्नाटक के एक सामाजिक कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर ने एडवोकेट अशोक पांडेय के जरिए जनहित याचिका (PIL) दाखिल कर राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द करने की मांग है. पीआईएल में दावा किया गया है कि राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं, ब्रिटिश हैं इसलिए वह लोकसभा चुनाव के लिए अयोग्य हैं. बुधवार को वेकेशन बेंच के जस्टिस आलोक माथुर और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल सुनवाई कर रहे थे.

इस दौरान बेंच ने अशोक पांडेय से सवाल किया कि क्या उन्होंने पीआईएल के लिए 25 हजार रुपये का ड्राफ्ट जमा करवाया है. कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार एडवोकेट अशोक पांडेय की कोई भी पीआईएल 25 हजार के रुपये के ड्राफ्ट के बिना दायर नहीं हो सकती. साल 2016 में कोर्ट ने यह आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने पाया था कि एडवोकेट पांडेय सिर्फ पब्लिसिटी के लिए पीआईएल फाइल करते हैं.

कोर्ट के सवाल पर एडवोकेट पांडेय ने कहा, ‘सर मेरे मामले तो 2016 से सुने जा रहे हैं. जस्टिस माथुर, यहां तक की सीजेआई चंद्रचूड़ भी मेरे दाखिल किए मामले सुनते हैं. ये कैसा नियम है कि बाकी लोग नॉर्मल कोर्ट फीस दें और अशोक पांडेय 25 हजार रुपये जमा करके पिटिशन फाइल करें.’

जज ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि याचिकाकर्ता विग्नेश शिशिर के पास क्यों खड़े हैं. जज ने कहा, ‘ये पीआईएल याचिकाकर्ता आपके साथ क्यों खड़े हैं? ये क्या ड्रामेटिक सीन चल रहा है कोर्ट में? आपको बहस करनी है खुद क्या? नहीं न तो जाइए पीछे जाकर बैठिए.’ इस पर वकील अशोक पांडेय ने सवाल किया कि साथ बैठने में क्या दिक्कत है. जस्टिस माथुर ने कहा कि दिक्कत ये है कि ये जगह वकीलों के लिए है. सुनवाई के दौरान जज ने एक रिपोर्टर को भी झिड़क कर बाहर भेज दिया और कहा कि अपनी रिपोर्टिंग बाहर जाकर कीजिए.