वाराणसी: केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने के निर्णय का अभिनंदन- डॉ गीता रानी
विधान केसरी समाचार
वाराणसी। डॉक्टर गीता रानी राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष अखिल भारत हिंदू महासभा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने के निर्णय का मैं हृदय से अभिनंदन करती हूॅ। 1976 आपातकाल के दौरान ही कांग्रेस सरकार ने हिंदुओं के साथ छल करते हुए संविधान में 42 वां संशोधन कर धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ दिया गया जिसका मतलब यह है। कि भारत का कोई धर्म नहीं है जबकि भारत आदि अनंत काल से हिंदू राष्ट्र था मैं भारत सरकार माननीय मोदी जी से उम्मीद करती हूं कि बहुत ही जल्द 42 वां संशोधन रद्द करके भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करे।डॉ गीता रानी ने कहा कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने तक भारत में आपातकाल (इमर्जेन्सी) घोषित था।
तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। चुनाव निरस्त कर दिये गये। नागरिकों के मूल अधिकार छीन लिये गये। इन्दिरा गांधी ने लगभग सभी राजनैतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया गया। प्रेस पर प्रतिबंधित लगा दिया गया। संजय गांधी ने इसी समय बड़े पैमाने पर लोगों की नसबन्दी करायी।