तहरीर में बताया गया कि अपने अंदर से मेरी बेटी टूट चुकी थी सायद इसी लिए ऐसा कदम उठाई।
अजय दुबे: चोपन थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में एक नाबालिग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने थाने में दिए तहरीर में संदिग्ध मौत पर समुचित जांच एवं विधिवत कार्रवाई की मांग की है। दिए गए तहरीर में प्रार्थी द्वारा बताया गया है कि 16 अगस्त को शाम 6 बजे घर के कमरे में साड़ी का फंदा बांधकर कर पंखे पर झूलते हुए देखा गया तुरंत उतारकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां से रेफर होने के बाद वाराणसी के ट्रामा सेंटर पहुंचने पर पता चला की बेटी ने दम तोड़ दिया है। पंचनामा तथा पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद दाह संस्कार किया गया।
घर पर मृतक बेटी के सभी सामानों का खोजबीन किया गया तो उसका एक अंतिम पत्र एवं नोटबुक मिला उसमें उसके द्वारा लिखे हुए दुःखद अंतिम कथन लिखे हुये थे। परिजनों ने दिए हुए तहरीर में बताया कि मेरी मृतक बेटी किसी के झांसे में फंसकर एवं उससे उत्प्रेरित होकर वह दुःखी तथा अत्यधिक परेशान थी, जब कि शायद वह किसी भय तथा शर्मिंदगीवश अपने परिवार तक को भी बात बताना उचित नहीं समझी और स्वयं इस दुनियां से विदा ले ली। घटना को गंभीरता से लेते हुए किसी के साजिश का शिकार एवं मजबूर हुए मेरी बेटी द्वारा आत्महत्या करने की संदिग्धता पर समुचित जांच हर पहलुओं को गंभीरता पूर्वक लेकर जांच करने की बात कही गई।
वही सीओ संजीव कटियार ने बताया कि घटना पिछले चार दिन पहले की है लड़की ने बंद कमरे में सुसाइड किया था। इसमें पुलिस कार्रवाई कर रही है। सुसाइड नोट नहीं उसकी डायरी जरूर मिली है। उसमें कई चीजों का जिक्र है साथ ही कुछ ड्राइंग बनाई हुई थी। डायरी में कही भी ऐसी बाते इंगित नहीं है जिससे लगे की उसके साथ शोषण या अन्य चीज हो रही थी। मोबाइल और सिडीआर डिटेल खंगाली जा रही है। आगे कुछ मिलता है तो अवगत कराया जाएगा। पुलिस लगातार परिवार के संपर्क में है। आत्महत्या के बाद लड़की के मिले डायरी से परिजनों ने माना कि लड़की के साथ कुछ गलत हो रहा था जिसका जिक्र वो हमलोगों से नहीं कर पाई और टूट कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना के बाद एक हस्ते खेलते परिवार में कोहराम ला दिया। पापा-मम्मी की लाडली चाचा-चाची की लाडली आज उनसे इस कदर दूर है कि चाह कर भी उस बेटी को दुलार नहीं कर पाएंगे। अंदर से टूट कर बिखड़ चुकी मासूम बच्ची बाहर से सभी को खुश दिखने के लिए खुश रहती थी। पापा की लाडली बिटिया को कोई था जो अंदर से खून के आंशु से सराबोर कर दिया था।