विश्व हिन्दू परिषद के स्थापना की आधारभूत बिन्दुओं को एक एक करके बताया।
दिनेश पाण्डेय(ब्यूरो): प्रान्त धर्म प्रसाद प्रमुख नर सिंह त्रिपाठी ने विश्व हिन्दू परिषद के स्थापना की आधारभूत बिन्दुओं को बताते हुए कहा कि यह संगठन एक मात्र विश्व मे निवासरत् हिन्दु समाज के सुरक्षित संरक्षित व सवंर्धित करने के लिए अवतरित हुआ है।
विश्व हिंदू परिषद की ध्येय यात्रा के आगामी श्री कृष्ण जन्माष्टमी को स्थापना दिवस के 60 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं ।भगवान श्री कृष्ण के अवतार के कालखंड में देश की स्थिति और परिषद की स्थापना के समय देश की स्थिति में पर्याप्त साम्य था।
60 वर्ष की गौरवशाली यात्रा के कुछ अविस्मरणीय और अनूठे पड़ाव जिनका स्मरण और उल्लेख प्रासंगिक है, स्वामी चिन्मयानंद जी के आश्रम संदीपनी साधनालय पवई मुंबई में 1964 श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर देशभर की हिंदुओं की दशा और दिशा के चिंतन हेतु एकत्रित हुए स्वामी चिन्मयानंद जी, संघ के द्वितीय सरसंचालक पूज्य श्री गुरु जी, श्री के एम मुंशी जी, मास्टर तारा सिंह जी, कुशक बकुला जी, सुशील मुनि जी और भी कई उपलब्ध प्रतिष्ठित मनीषी द्वारा स्थापित विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ के अवसर पर प्रथम विश्व हिंदू सम्मेलन आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर हिंदू समाज ने वर्षों बाद अपने सभी मत पंथों के पूज्य धर्माचार्यों का दर्शन एक मंच पर किया
यह सुयोग बन पाया पूज्य श्री गुरु जी की प्रेरणा और परिषद के प्रथम महामंत्री दादा साहब आप्टे के अनथक श्रम से। मानव तस्करी से लेकर धर्म परिवर्तन तक को रुकवाने का काम किया है इतना ही नही जुगैल में धर्म परिवर्तन में एफआईआर भी दर्ज कराया गया था।
पूज्य संतों द्वारा उस सुअवसर पर दिए गए भाषण आज भी परिषद के कार्य की प्रेरणा बने हुए हैं।
संतो के वचन थे –ष्मैं इस विराट हिंदू समाज का अंग भूत घटक हूं मेरे पंथ के प्रथम पुरुष ने हिंदू समाज के कल्याण के लिए ही इस पंथ की स्थापना की 1969 में उडुपी के हिंदू सम्मेलन मंच पर विराजमान पूज्य संतों द्वारा घोषणा हुई हिंदव सहोदरा सर्वे न हिंदू पतितो भवेत इस उद्घोषणा से बिखरे हुए हिंदू समाज में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और अस्पृश्यता के विरुद्ध हिंदू हम सब एक के भाव को पुष्ट किया। 1979 प्रयाग संगम तट पर द्वितीय विश्व हिंदू सम्मेलन संपन्न हुआ तब तक परिषद का विस्तार समुद्र पार तक पहुंच चुका था इस बार मंच की शोभा बढ़ाने के लिए संत चरण परम पावन पूज्य दलाई लामा जी का सानिध्य विश्व हिंदू परिषद को अलौकिक कर रहा था।
इस मौके पर विहिप जिलाध्यक्ष विद्याशंकर पाण्डेय, हरिशंकर वर्मा, गोपाल सिंह, उपेन्द्र कुमार सिंह, जयप्रकाश चतुर्वेदी, संतोष कुमार पाण्डेय,धर्मेंद्र पाण्डेय(राजू), समेत दर्जनो कार्यकर्ता मौजूद रहे।