पीड़िता ने बताया कि मैं विधवा हूं और छोटे जाति की हूं तभी मेरा कुछ नही सुनवाई हुआ।
दिनेश पाण्डेय(मुख्यालय): जिले के दुद्धी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक और नर्स द्वारा डिलीवरी के लिए आई एक दलित महिला व उनके परिवार वालों के साथ मारपीट करने तथा गाली गलौज कर कई घंटे तक थाने में बैठवाने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित ने मुख्यमंत्री व पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को शिकायती पत्र और कुछ वीडियो फुटेज भेज कर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित परिवार के अनुसार फूलमती देवी उम्र 28 वर्ष पत्नी अमरजीत आनंद गर्भवती थी। जिसे 28 अगस्त को प्रसव पीड़ा के बाद सरकारी अस्पताल (CHC)में भर्ती कराया गया। 29 अगस्त को प्रातः 6:बजकर 47 मिनट पर फूलमती को लड़की पैदा हुई। 30 अगस्त को रूटीन चेकप के लिए महिला चिकित्सक और नर्स आए थे। महिला की तबीयत कुछ खराब थी इसलिए कुछ जांच कराने के लिए कहा गया। इस दौरान फर्श पर गिरा हुआ पानी और गंदगी देख चिकित्सक व नर्स ने फूलमती सहित उसके परिजनों को डाट फटकार लगाई और आगे से ऐसा न करने की हिदायत दी। इतने में चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर साह आलम अंसारी वहां पहुंच गए। वही चिकित्सक और परिजनों में इस बात को लेकर बहस होने लगा। मामला बढ़ता हुआ चिकित्सा अधीक्षक ने पुलिस को बुला लिया।
वही पीड़िता ने बताया कि मैं विधवा हूं और छोटे जाति की हूं तभी मेरा कोई नहीं सुनता है वे बड़े लोग हैं सब लोग उनके हैं इसलिए उनका सब जगह सुनवाई होता है। यह एक 55 वर्षीय बुजुर्ग के साथ हुए बदसलूकी का दर्द है। बुजुर्ग सुकुमारि बताती है। सरकारी अस्पताल में बहु डिलीवरी के लिए भर्ती थी मेरे पोते ने थोड़ा पानी गिरा दिया था। बस इतनी सी बात के लिए नर्स और चिकित्सा अधीक्षक डॉ शाह आलम ने नीच ,,गंदगी में रहने वाले नाली का कीड़ा,,, और क्या क्या न कहा,जब इससे भी उनका मन नहीं भरा तो धक्का देकर भागने लगे लड़के ने विरोध किया और वीडियो बनाने लगा तो सभी लोगों ने मिलकर उसे पीटा, थाने में ले जाकर कई घंटे बैठवाया फिर जबरदस्ती सुलह कराया। यह घटना सच है या झूठ अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरा में पूरा रिकॉर्ड है। जिसे देखा जा सकता है। जिस दिन से मेरे साथ यह घटना हुई है तब से हम ठीक से नही सो पा रहे हैं ना ही किसी से बात कर पा रहे हैं, वृद्धावस्था में यही सब देखना बाकी रह गया था। आखिर हम सब से ऐसी कौन सी गलती हो गई थी जिसके लिए हमें इस तरह बेइज्जत किया गया।
,यह कह कर वृद्ध महिला रोने लगी वही वही सुकुमारी ने दोषियों के खिलाफ मुकदमा लिख कर न्याय दिलाने की मांग की है। सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अश्वनी कुमार से जब इस सम्बंध में बाइट किया गया तो उन्होंने डॉक्टर का ही पक्ष लेते हुए बोले कि गंदगी परिजन द्वारा किया गया था उसकी में डॉक्टर द्वारा गंदगी न करने के लिए बोला गया इसी में परिजन काफी गाली गलौज पर उतर आए और वीडियो उल्टा बनाने लगे डॉक्टर द्वारा प्रसासन को सूचना दिया गया। जांच कराई जा रही हैं क्या है पूरी सच्चाई ये रहा सीएमओ का बयान।