फर्रुखाबाद में 18 यादव परिवारों के घर पर चला बुलडोजर, अखिलेश ने बीजेपी को घेरा

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यूपी के फर्रुखाबाद जिले के नवाबगंज में बड़ी बुलडोजर कार्रवाई हुई है। यहां के उखरा गांव में 18 परिवारों के घरों पर बुलडोजर चला है और उनके मकानों को तोड़ दिया गया है। ये सभी 18 परिवार यादव जाति से आते हैं। इस मामले में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है और उन्होंने इस कार्रवाई को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है।

मिली जानकारी के मुताबिक, इन परिवारों ने ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर रखा था और सालों से उस पर अवैध रूप से मकान बनाकर रह रहे थे। जिन लोगों के मकान टूटे हैं, उनमें से कई लोग 20 से 40 साल पहले से यहां रह रहे थे। इनके घरों पर शनिवार शाम को बुलडोजर गरजा है। खबर ये भी है कि अंधेरा होने की वजह से केवल 18 मकानों पर कार्रवाई हो पाई, बाकी के 5 मकानों पर आज बुलडोजर चल सकता है।

किन लोगों के अवैध मकानों पर चला बुलडोजर?

  1. रामौतार सिंह यादव
  2. रामवीर सिंह यादव
  3. रामकिशोर सिंह यादव
  4. अनिल कुमार यादव
  5. रामकुमार यादव
  6. कृष्ण कुमार यादव
  7. बबलू यादव
  8. संजू यादव
  9. अभिषेक यादव
  10. अन्नू यादव
  11. समर यादव
  12. हेमराज यादव
  13. गोविंद यादव
  14. हाकिम सिंह यादव
  15. गंगा सिंह यादव
  16. ब्रह्मानंद सिंह यादव
  17. ब्रहम्म किशोर यादव
  18. सनोज यादव

इन 5 मकानों पर आज चल सकता है बुलडोजर?

  1. राजीव यादव
  2. राम किशन यादव
  3. राम निवास यादव
  4. नाहर सिंह यादव
  5. वीरपाल सिंह यादव

तहसीलदार का सामने आया बयान

तहसीलदार श्रद्धा पांडे ने बताया कि डेढ़ हेक्टेयर बंजर ग्राम समाज की जमीन पर ग्रामीणों ने कब्जा कर रखा था। ग्राम समाज की सहमति से ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया है।

यूपी के पूर्व सीएम और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा, ‘ये है प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा। भाजपा बसे-बसाये घरों को गिराकर सुख पाती है। जिन्होंने अपने घर नहीं बसाये, पता नहीं वो दूसरों के घर गिराकर किस बात का बदला लेते हैं। हर गिरते घर के साथ भाजपा भी और भी नीचे गिर जाती है। अमृतकाल के सूचनार्थ: आज लोकसभा फर्रुखाबाद के विधानसभा अमृतपुर के ग्राम उखरा में सालों से बसे 25 ग़रीब परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलाकर, न जाने कितने बड़े-बूढ़ों, बीमारों, बच्चों, माताओं, बहनों, बेटियों को भरी बरसात में बेघर किया गया। ये राजनीतिक क्रूरता की हद है।’