अमेठीः भागवत कथा: प्रहलाद चरित्र नरसिंह अवतार प्रसंग का हुआ वर्णन

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विधान केसरी समाचार 

अमेठी। संग्रामपुर क्षेत्र के जिरहा मजरे बड़गांव निवासी व पशु मित्र जितेंद्र सिंह के आवास पर चल रही संगीतमय भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक आचार्य उमाशंकर पांडे ने कथा के माध्यम से भक्त प्रहलाद और भगवान नरसिंह अवतार का वर्णन करते हुए बताया की हिरणाकश्यप राजा का चार वर्ष पुत्र प्रहलाद जो भगवान की भक्ति मे लीन रहता था । प्रहलाद का आचरण बहुत अच्छा था माता-पिता भगवान या बड़े लोगों का बड़ा ही आदर-सम्मान करता था, लेकिन हिरणा कश्यप राक्षसी प्रवृत्ति का राजा था वह भगवान में विश्वास नहीं करता था और भगवान के साथ प्रहलाद का प्रेम देखकर उसे जलन होने लगी एक दिन महाराज हिरण कश्यप ने अपने दरबारी को आदेश किया कि भक्त प्रहलाद को खत्म कर दो भस्म करो।

राजा के आदेश पर दरबारी द्वारा लकड़ी के घेरे में भक्त प्रहलाद को खड़ा करके जला दिया और कहा कि अब देखा जाएगा कि तुम्हारे भगवान कैसे तुम्हें बचाते हैं। लेकिन लकड़ी जल गई और भक्त प्रहलाद बच गए इतना होने के बाद भी हिरना कश्यप नहीं माना और भगवान श्री हरि नरसिंह अवतार में प्रकट होकर हिरणाकश्यप को मारना पड़ा। कथावाचक आचार्य उमाशंकर पाण्डेय ने कथा माध्यम से बताया कि भक्ति में ही शक्ति होती है। साथ ही बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिए। जिससे वह बुढ़ापे में अपने माता-पिता की सेवा कर सके साथ ही गौ सेवा साधु सेवा भी कर सके। आज की कथा समापन पर महाभागवत पुराण की आरती की गई और प्रसाद वितरण हुआ। भगवान कथा सुनने के लिए कंसासुर, बड़गांव,विशेष गंज , रामगढ़ कालिकन आदि स्थान से लोग जा जाकर भगवान की कथा का आनंद ले रहे हैं।