Sonebhadra: कम्पनी के शाखा प्रबंधन ने 76 सदस्यों का 29,76828 रुपया गमन करने के मामले में दो के खिलाफ कराया एफआईआर दर्ज।

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शाखा के दो कर्मचारी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज।

दिनेश पाण्डेय(ब्यूरो): भारत फाइनेंशियल इंक्लूजन लिमिटेड के कर्मचारियों द्वारा लोन के सदस्यों की धनराशि (UPI ट्रांजैक्शन के माध्यम से) गबन करने के संबंध में प्रार्थी अजय कुमार चौबे पुत्र विजय कुमार चौबे निवासी ग्राम सुन्गुल्पुर पोस्ट व थाना चौबेपुर जनपद वाराणसी का मूल निवासी हूं तथा वर्तमान में भारत फाइनेंशियल इंक्लूजन लिमिटेड कंपनी (जोकि इंडसइंड बैंक की सहायक शाखा है) में पिछले 9 वर्षों से कार्यरत है तथा पिछले 17 माह से शाखा प्रबंधक के पद पर राबर्टसगंज (भारत सुपर शप) शाखा पर कार्य कर रहे है हमारे कंपनी का प्रमुख कार्य व्यवसाय हेतु दुकान करने वाले सदस्यों को व्यावसायिक लोन प्रदान करना एवं आसान किस्तों पर साप्ताहिक संग्रह करने की प्रक्रिया है जिसके तहत हमारे शाखा के दो कर्मचारी विकास कुमार पुत्र धर्मेंद्र कुमार निवासी ग्राम बिल्ल भूषण पुर थाना- हंडिया जनपद प्रयागराज और दूसरा आजाद कुमार पुत्र सदरन ग्राम व पोस्ट अरंगी थाना चंदौली जो की उपरोक्त कर्मचारी पिछले 3 वर्षों से शाखा पर कार्य कर रहे थे जिनका प्रमुख कार्य ग्राहकों का करंट अकाउंट इंडसइंड बैंक में खोलकर बिजनेस लोन दिलाना एवं ग्राहकों के कलेक्शन को लाकर शाखा में जमा करना था जब दिनांक 16/07/2024 को टेली कलिंग के दौरान हमें मालूम चला कि विकास ने कुछ सदस्यों का समय पूर्व भुगतान करा कर अपने पास रख लिए हैं। जिसकी सूचना हमने अपने उच्च अधिकारियों को देकर उक्त कर्मचारी के समस्त सदस्यों की जांच पड़ताल करना शुरू किया तो मालूम चला कि उसने करीब 12 लाख रुपए का हेरा फेरी किया है। जब इस विषय पर उक्त कर्मचारी से बात किया गया तो उसने स्वीकार किया और दिनांक 31/07/2024 को रू04 लाख रूपया लाकर कुछ सदस्यों के खाते में जमा कर दिया शेष धनराशि के लिए अवसर मांग कर काम करने लगा परंतु जब कुछ सदस्यों का शिकायत और आने लगा तो हमने अपने उच्च अधिकारियों को बताया जिस पर कंपनी द्वारा नियुक्त ऑडिट टीम ने आकर हमारे साथ उक्त कर्मचारी के समस्त सदस्यों की जांच पड़ताल की तो मालूम हुआ कि उसने कुल 99 सदस्यों के साथ 3470529 रुपए का हेरा फेरी किया है जिसकी लिखित प्रार्थना पत्र स्वीकार के रूप में कर्मचारियों ने खुद ऑडिटर को दिया। इसी बीच जांच के दौरान दूसरा कर्मचारी आजाद का भी 222697 रुपए का समय पूर्व भुगतान निकलकर सामने आया इस प्रकार उपरोक्त दोनों कर्मचारियों ने कुल 106 सदस्यों के साथ कुछ UPI के माध्यम से एवं कुछ का कलेक्शन की धनराशि लेकर कुल 3693226 रुपए का गबन किया है इसी दौरान जो विकास ने रुपया दिया उससे 30 सदस्यों का लोन अमाउंट समाप्त कर दिया गया। तथा साप्ताहिक किस्त भरते भरते जो 76 सदस्यों की शेष धनराशि 2976828 रुपया बाकी रह गया वह अभी तक वापस नहीं किये है। जिसमें से कुछ सदस्यों ने लिखित प्रार्थना पत्र एवं UPI ट्रांजैक्शन रसीद साथ में दिए है। अब उपरोक्त कर्मचारी एवं उनके परिवार वालों से दोबारा बात करने पर वे लोग शेष धनराशि वापस करने मे अनाकानी कर रहे हैं।जिसमे एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाय। जिसमे दोनो के खिलाफ 316(2),318(4) के तहत दर्ज किया गया हैं।