रूद्रपुर: दस्तावेज लेखकों की मनमानी पर प्रशासन मौन, कलेक्टेट परिसर में अवैध रूप से काम कर रहे हैं कई दस्तावेज लेखक

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विधान केसरी समाचार

रूद्रपुर। जिला मुख्यालय स्थित कलेक्टेट परिसर दस्तावेज लेखकों की मनमानी का अड्डा बन गया है। आलम यह है कि डीएम की नाक के नीचे कई दस्तावेज लेखक अवैध रूप से अपनी दुकान चला रहे हैं। जिसके चलते कलेक्टेट परिसर तमाम अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है।

बता दें कलेक्टेट परिसर में मात्र तीन दस्तावेज लेखकों के बैठने की अनुमति है। जिला प्रशासन की ओर से वर्तमान में अब्दुल वाहिद,कृपा ओझा और असलम हुसैन आदि अरायज नवीसों को काम करने की अनुमति दी गयी है। लेकिन इसके विपरीत वर्तमान में कलेक्टेट परिसर में 30-35 अरायजनवीस काम कर रहे हैं। जिसके चलते कलेक्टेट परिसर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। ये अरायजनवीस इधर उधर अपने वाहन खड़े कर देते हैं इसके अलावा इनके पास काम कराने के लिए आने वाले लोग भी अपने वाहनों को इधर उधर खड़ा कर देते हैं जिसके चलते अकसर जाम की समस्या बनी रहती है। जाम के चलते अकसर यहां पर विवाद की स्थति पैदा हो जाती है।

पूर्व में एडीएम जयभारत सिंह ने निरीक्षण के दौरान दस्तावेज लेखकों को यहां से हटा दिया था लेकिन बाद में फिर वही हाल हो गया दस्तावेज लेखकों की मनमानी का आलम यह है कि वह ग्राहकों से काम के मनमाने पैसे वसूल रहे हैं। यहां पर दस्तावेज लेखकों से काम कराने का कोई शुल्क निर्धारित नहीं है। जिसके चलते दस्तावेज लेखक खुलेआम जनता को लूटने में लगे हैं।
दस्तावेज लेखक जनता को तो चूना लगा रहे हैं साथ ही मुफ्त बिजली का उपयोग करके सरकारी खजाने में भी सेंध लगा रहे हैं। दस्तावेज लेखकों के बैठने के स्थान पर दिन भर पंखे चलते हैं इसके अलावा अन्य कामों के लिए भी बिजली का उपयोग होता है, जिसका बिल विभाग वहन करता है। दस्तावेज लेखकों की मनमानी का खेल जिले के आला अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहा है लेकिन किसी भी अधिकारी ने अभी तक इसका संज्ञान नहीं लिया है।।