प्रयागराज: सतर्कता जागरूकता सप्ताह का मुख्यर समारोह एवं गोष्ठी आयोजित

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विधान केसरी समाचार

प्रयागराज। वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अवसर पर अपर महाप्रबंधक श्री जे एस लाकरा के मुख्य आतिथ्य में एवं वरिष्ठ उप महाप्रबंधक वी. के. गर्ग के मार्गदर्शन में अरावली सभा कक्ष, महाप्रबंधक कार्यालय परिसर प्रयागराज में एक सतर्कता जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।

ज्ञात हो कि, केंद्रीय सतर्कता आयोग के तत्वावधान में केंद्र सरकार के समस्त कार्यालयों, समस्त पब्लिक सेक्टर यूनिटों और बैंक आदि में एक त्रैमासिक सतर्कता जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई थी जिसके समापन चरण में प्रतिवर्ष 31 अक्टूबर वाले सप्ताह में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम की कड़ी में उत्तर मध्य रेलवे ने भी सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया । आज के इस आयोजन की शुरुआत वल्लभभाई पटेल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित एवं दीप प्रज्जवलन करने के साथ में हुई। साथ ही सतर्कता जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सीबीआई और सीवीसी के अनेक प्रावधानों को सतर्कता विभाग किस प्रकार इंप्लीमेंट करता है। इस दौरान विभाग और सीबीआई के बीच की इंटरेक्शन और किस तरीके से दोनो एजेंसियां भ्रष्टाचार को रोकने में दोनों एजेंसीज डिपार्टमेंटल विजलेंस और सीबीआई एक दूसरे का सहयोग करती हैं उन प्रक्रियाओं पर भी चर्चा हुई। साथ ही साथ डिसिप्लिन अपील रूल के कुछ पहलुओं पर भी ज्ञानवर्धक चर्चा हुई। कार्यक्रम की शुरुआत में बोलते हुए अपर महाप्रबंधक ने कहा कि विजिलेंस को प्यूनिटिव की तुलना में प्रीवेंटिव एप्रोच ज्यादा रखनी चाहिए। अपने उदबोधन में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक ने कहा कि सतर्कता जागरूकता के इस सप्ताह के दौरान हम सभी मंडलों में जाकर अधिकारियों और कर्मचारियों को नैतिकता के बारे में जागरूक कर रहे हैं।

इस अवसर मुख्य वक्ता के रूप में गोष्ठी में भाग ले रहे एडिशनल एसपी सीबीआई शिव कुमार जयंत ने कहा कि, डिपार्टमेंटल विजिलेंस को सीबीआई के साथ में जॉइंट एक्सरसाइज करनी चाहिए, जॉइंट परीक्षण करने चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सीबीआई किन-किन स्तरों पर कर्मचारियों की क्रियाकलापों पर नजर रखती है। उन्होंने यह भी बताया कि, अधिक संपत्ति को नापने का उनका अपना एक फार्मूला है जिसके आधार पर वह आपकी आय और व्याय की गणना करते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, न्यायालय में पेश करते समय उनको डिपार्टमेंट की तरफ से क्या-क्या सहयोग मिलता है और क्या-क्या मिलना चाहिए। अंत में एक संवाद कार्यक्रम भी हुआ जिसमें तमाम लोगों ने अपने अलग-अलग तरह की शंकाएं और उनके उत्तर जाने कि सी बी आई और विभागीय विजिलेंस की कार्यवाई में क्या अंतर है और कैसे की जाती है। यह भी बताया गया कि दोनों एजेंसीज का उद्देश्य भ्रष्टाचार की बीमारी को खत्म करना है और केंद्रीय कर्मचारी केंद्रीय पी एस यू, बैंकों नियमित रूप से इस तरीके की कार्यवाही करते रहते हैं। डिपार्टमेंटल विजिलेंस सीबीआई के साथ में डाउटफुल इंटीग्रिटी वाले ऑफिसर्स की लिस्ट बनाता है, उसपर भी विस्तृत चर्चा हुई। इस बात पर भी जोर दिया गया कि विजिलेंस को सीबीआई के साथ ज्वाइंट सरप्राइज चेक्स और रेगुलर मीटिंग्स करते रहना चाहिए इनफार्मेशन का निरंतर आदान प्रदान होते रहना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार को पूरी तरीके से खत्म किया जा सके। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने किया।

इस अवसर पर सतर्कता पत्रिका जागृति का विमोचन किया गया। इस पत्रिका में रेल सतर्कता जागरूकता एवं अन्य विषयों पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लेखों को भी समाहित किया गया है।