ज़्यादा मिठाइयां खाने से पाचन का हो गया है बुरा हाल तो इन देसी ड्रिंक्स से मिलेगा मिनटों में आराम

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देशभर में दिवाली के जश्न का माहौल छाया हुआ है। इस पांच दिन के त्योहार वो धनतेरस के दिन से लेकर भाई दूज तक मनाया जाता है। इस त्यौहार में घर में खूब मिठाइयां तो बनती ही हैं लेकिन मेहमानों का आना जाना भी लगा रहता है जिससे घर पर मीठी चीज़ों का अम्बार लग जाता है। ऐसे में लोग उस दिन डाइट भूलकर जमकर मिठाइयों का सेवन करते हैं। ऐसे में कई बार ज़्यादातर लोगों को एसिडिटी और अपच की शिकायत होती है। अगर आप भी दिवाली के बाद इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं इस समस्या से कसिए छुटकारा मिलेगा?

इन देसी ड्रिंक्स का करें सेवन

  • सौंफ का पानी: सौंफ सबसे बेहतरीन बॉडी डिटॉक्सर है। जब भी आपको पाचन से जुड़ी समस्या हो आपको सौंफ का पानी पीना चाहिए। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण  पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। सौंफ, गैस्ट्रिक एंजाइम के प्रोडक्शन को बढ़ाकर, पाचन से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर रखते हैं। यह कब्ज, अपच और सूजन का भी इलाज करता है। इसका सेवन खाना खाने के बाद सांसों की बदबू को खत्म करने के लिए भी किया जाता है।
  • पुदीने की चाय: पुदीने की चाय पीने से पाचन संबंधी बेहतरीन लाभ मिलते हैं। अगर आपका हाज़मा बईगा हुआ है तो आप इसका सेवन करें। एक गिलास पानी में 12 से 15 पुदीने की पत्तियां और दो, तीन काली मिर्च डालें और इसे अच्छी तरह से उबालें। जब ये हल्का ठंडा हो जाए तो छानकर पिएं। इससे डाइजेशन सही होगा और बॉडी डिटॉक्स होगी।
  • तुलसी की चाय: तुलसी की चाय नेचुरल डिटॉक्स के रूप में जानी जाता  है। इसमें नेचुरल केमिकल होते हैं जो मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम करते हैं तुलसी के पत्तों का चाय पीने से मल त्याग में सुधार, पाचन तंत्र संतुलन को बढ़ावा देने और पीएच स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है। इनमें ऐसे कम्पाउंड होते हैं जो पेनक्रियाण सेल्स के फंक्शन को सपोर्ट करते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं।।1 गिलास पानी में कुछ तुलसी पुदीने की पत्तियों को डाल कर अच्छी तरह से उबालकर पियें।
  • जीरा पानी: जीरा का पानी पीने से अपच की परेशानी दूर होती है। ये आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और एसिडिटी की दिक्कत भी दूर हो जाती है। इसका सेवन करने से मोटा भी कम होता है।