स्वास्थ्य विभाग का संरक्षण बिना रैम्प दो तत्ले पर मानक बिहीन हॉस्पिटल को कर दिया गया रजिस्ट्रेशन कैसे?
दिनेश पाण्डेय(ब्यूरो):
सोनभद्र। नर्सिंग होम का संचालन के लिए अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य होता है। लेकिन विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो जनपद के 50 फीसदी से अधिक नर्सिंग होम बिना एनओसी के संचालित हो रहे हैं। इन नर्सिंग होम में मानक के अनुरूप अग्निशमन यंत्र तथा सुरक्षा से संबंधित उपकरण उपलब्ध नहीं हैं। इतना ही नहीं अधिकांश नर्सिंग होम मानक के वितरीत भी संचालित हो रहे हैं, जहां यदि कोई हादसा हो जाए तो वहां तक अग्निशमन विभाग के वाहन तक नहीं पहुंच पाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की सूत्रों की मानें तो रॉबर्ट्सगंज, घोरावल व दुद्धी तहसील क्षेत्र में लगभग 200 नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। राबर्ट्सगंज एवं आसपास इलाके में ही करीब 20 हॉस्पिटल संचालित हो रहे है। 50 प्रतिशत से अधिक नर्सिंग होम, दमकल विभाग से बगैर एनओसी लिए खुल गए हैं, जो नियमों को दरकिनार कर संचालित हो रहे। अस्पतालों में आग बुझाने से संबंधित प्रर्याप्त उपकरण नहीं है। इतना ही नहीं गलियों में कई क्लिनिक संचालित हो रही है, यहां आग लगने पर दमकल वाहन नहीं पहुंच सकती है। उधर ओबरा, चोपन, रेणुकूट, घोरावल, दुद्धी, बभनी, कोन समेत अन्य क्षेत्रों में अग्निशमन विभाग से बिना एनओसी लिए नर्सिंग होम चल रहे हैं। प्रभारी अग्निशमन अधिकारी का कहना है कि कई बार सभी निजी अस्पताल और क्लिनिक के संचालकों को एनओसी लेने के लिए कहा गया है, लेकिन कई संचालकों ने अभी तक नहीं लिया है। स्वास्थ्य विभाग का रहम करम पहले हॉस्पिटल खोलो कुछ दिन तक चलाओ फिर ऑनलाइन करो उसके बाद डॉक्टर लाओ साहब के पास हो जाएगा रजिस्ट्रेशन दो तल्ले पर कैसे हुआ आखिर कार सीएमओ के ही बयान में है कि बिना मानक व सुविधा का रजिस्ट्रेशन नही हो सकता है ।उसके बाद भी हो गया रजिस्ट्रेशन।