स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित-मायावती
उत्तर प्रदेश में 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां 50 से भी कम छात्र हैं. इन स्कूलों को दूसरे स्कूलों के साथ विलय करने पर विचार हो रहा है. इनका विलय पंचायत के दूसरे स्कूल या फिर आसपास के स्कूलों में कर दिया जाएगा. इस पर बीएसपी चीफ मायावती ने प्रतिक्रिया दी है.
मायावती ने कहा, ‘यूपी सरकार द्वारा 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जरूरी सुधार करके उन्हें बेहतर बनाने के उपाय करने के बजाय उनको बंद करके उनका दूसरे स्कूलों में विलय करने का फैसला उचित नहीं. ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहाँ और कैसे पढ़ेंगे?’
बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकण्डरी शिक्षा का बहुत ही बुरा हाल है जिस कारण गरीब परिवार के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा तो दूर सही शिक्षा से भी लगातार वंचित हैं. ओडिसा सरकार द्वारा कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित.’
उन्होंने कहा, ‘सरकारों की इसी प्रकार की गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं, जैसाकि सर्वे से स्पष्ट है, किन्तु सरकार द्वारा शिक्षा पर समुचित धन व ध्यान देकर इनमें जरूरी सुधार करने के बजाय इनको बंद करना ठीक नहीं.’
अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2025-26 के सत्र के लिए इन स्कूलों का विलय करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. 13 या 14 नवंबर को बैठक कर ऐसे स्कूलों की सूची तैयार की जाएगी.
निर्देश में कहा गया है कि पास के किस स्कूल में इसका विलय करना ठीक रहेगा इसके लिए रिपोर्ट तैयार की जाए. छात्रों को उन स्कूलों में जाने के लिए कितनी दूरी तय करनी होगी. इसके लिए कई मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है.