कांग्रेस हारी नहीं है बल्कि उसे हराया गया है-राशिद अल्वी

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने आज यानि रविवार को आईएएनएस से बातचीत में कई अहम राजनीतिक मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर उन्होंने कहा, “कांग्रेस हारी नहीं है बल्कि उसे हराया गया है.” उनका मानना है कि जब तक ईवीएम से चुनाव होते रहेंगे तब तक ऐसा ही होता रहेगा. कांग्रेस को इसका बहिष्कार करना चाहिए और चुनाव बैलेट पेपर से कराने चाहिए. उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि “देश की जनता अब चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं कर रही है.”

अल्वी ने विश्वास जताया कि अगर चुनाव ईमानदारी से हुए तो महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन की सरकार बनेगी क्योंकि जनता अब उन नेताओं को बाहर करने का मन बना चुकी है जो कानून के दबाव और ईडी-सीबीआई के डर से सत्ता में आए थे. मनसे प्रमुख राज ठाकरे के मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के बयान पर अल्वी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा, “राज ठाकरे की पार्टी की कोई अहमियत नहीं है इसलिए उनके बयानों का कोई खास मतलब नहीं है.” अल्वी का मानना था कि ठाकरे मीडिया में बने रहने के लिए इस तरह के विवादास्पद बयान देते हैं जिसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से विपक्षी नेता राहुल गांधी पर दिए गए बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने भारतीय संविधान के साथ सबसे ज्यादा खिलवाड़ किया है. अल्वी ने सवाल उठाते हुए कहा कि ” मुसलमानों की दुकानों से कुछ भी नहीं खरीदा जाए? क्या ये संविधान के मुताबिक है?” उन्होंने ये भी याद दिलाया कि एक मुख्यमंत्री ने सब्जी के दामों को लेकर मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया था जो संविधान की भावना के खिलाफ था.

कांग्रेस नेता ने मणि शंकर अय्यर की ओर से डोनाल्ड ट्रंप के बारे में दिए गए बयान पर भी अपनी राय दी. उन्होंने कहा “डोनाल्ड ट्रंप पर 34 मुकदमे पेंडिंग हैं और उनके खिलाफ कई मुद्दे हैं. फिर भी अमेरिका की जनता ने उन्हें चुना है और भारत में बीजेपी खुशी मना रही है जो मेरे समझ से बाहर है”.

अल्वी ने सेवानिवृत्त हो रहे भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि चंद्रचूड़ ने कई अच्छे फैसले दिए, लेकिन कुछ ऐसे बयान भी दिए जिन पर सवाल उठे. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद फैसले पर उनका कहना था कि “जज संविधान के अनुसार फैसले लेते हैं. अगर सारे फैसले भगवान की शरण में जाकर होने लगेंगे तो संविधान का क्या होगा?”. इसके अलावा बाला साहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा, “जब कोई नेता इस दुनिया से चला जाता है तो उसके खिलाफ बयान देना मर्यादा के खिलाफ है. ये काम सिर्फ बीजेपी ही कर सकती है. जो इस दुनिया में नहीं हैं, उनकी इज्जत करनी चाहिए न कि मतभेद के कारण बयानबाजी करनी चाहिए.”

कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि “शिवसेना और कांग्रेस की विचारधारा अलग हो सकती है, लेकिन जब दोनों पार्टीयां साथ हैं तो ये महाराष्ट्र के लिए फायदेमंद हो सकता है.” उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा “उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं.  साथ ही ये भी कहा कि कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन राज्य के लिए अच्छा साबित हो सकता है.”