डील फाइनल, दुश्मनों पर कहर बरसाने अब भारत आएगा पुतिन का ‘महाहथियार’

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भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है. भारत की सैन्य क्षमता को बढ़ाने में रूस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसी कड़ी में भारत और रूस के बीच एक नए ‘महाहथियार’ को लेकर डील हुई है. भारत की भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और रूसी हथियार कंपनी Rosoboronexport के बीच एक महाहथियार को भारत लाने की डील हुई है. बता दें कि रूस का ये महाहथियार राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा में तैनात है और इसे रूस ने नाम ‘पंतसिर एयर डिफेंस सिस्टम (Pantsir Air Defence System)’ नाम दिया है. दोनों देशों के बीच ये डील इंडिया-रसिया इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन की पांचवीं सबग्रुप मीटिंग में गोवा में फाइनल हुई है.

रूस का पंतसिर एयर डिफेंस सिस्टम ‘Pantsir-S1’ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के वालदाई लेक के पास स्थित घर से करीब 3.7 किलोमीटर दूर तैनात किया गया है, जो कि किसी भी तरह के हवाई हमले को हवा में ही नष्ट करने की क्षमता रखता है. इस एयर डिफेंस सिस्टम को यूक्रेन से आने वाले हवाई हमले का करारा जवाब देने के मद्देनजर तैनात किया गया है.

पंतसिर एयर डिफेंस सिस्टम का असली नाम ‘SA-22 Greyhound’ है. लेकिन इसे पंतसिर के नाम से जानते हैं. इस एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल रूस अपने बेहद संवेदनशील इमारतों, महत्वपूर्ण संस्थानों, राष्ट्रीय सुरक्षा की अति महत्वपूर्ण इमारतों और लोगों की सुरक्षा के लिए करता है. बता दें कि ये एक सेल्फ प्रोपेल्ड एंटी-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम है.

मीडियम रेंज वाला यह एयर डिफेंस सिस्टम जमीन से हवा में (Surface to Air Missile) मार करने के लिए बनाया गया है. वहीं, इसका इस्तेमाल एंटी-एयरक्राफ्ट आर्टिलरी सिस्टम के तौर पर भी किया जाता है. उल्लेखनीय है कि रूस अपने इस महाहथियार का इस्तेमाल साल 2012 से करता आ रहा है और इसका इस्तेमाल सीरिया, लीबिया और यूक्रेन के युद्धों में भी कर चुका है.

रूस ने अब तक 200 से ज्यादा एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम बनाए हैं, जिसे तीन लोग मिलकर चला सकते हैं. इस सबसे खास बात है कि ये 4-6 सेकेंड में हीं अपने टारगेट की पहचान करके मिसाइल फायर कर देता है. इस सिस्टम में 5 तरह की मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस सिस्टम के कुल मिलाकर 6 वेरिएंट्स हैं. जिनका इस्तेमाल टारगेट की रेंज और स्पीड के अनुसार की जाती है. इसकी रेंज 15 किलोमीटर से लेकर 75 किलोमीटर तक होती है और यह माइनस 50 डिग्री सेल्सियस के तापमान भी काम करने में सक्षम है. इसकी लंबाई 10.37 फीट होती है, वहीं, इसके मिसाइल का वजन 76 से 94 किलो तक होता है.