शीशगढ़ः किसानों को कच्चा बाँध दोबारा बनाने को नगर आयुक्त ने दिया मदद का आस्वासन

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विधान केसरी समाचार

शीशगढ़। पश्चिमी वहगुल नदी पर ग्राम खमरिया के पास किसानों द्वारा कार सेवा से बनाया कच्चा बाँध कटने के बाद बुधवार को क्षेत्र के दर्जनों किसान नगर आयुक्त बरेली से मिले।किसानों ने पक्के बाँध की गुहार लगाई।इस पर नगर आयुक्त ने किसानों को कच्चा बाँध दुबारा बनाकर सिंचाई करने का सुझाव देते हुए मदद का आस्वासन दिया।नगर आयुक्त ने किसानों को भरोसा दिया कि वह पक्के बाँध के निर्माण को स्टीमेट बनाकर सरकार से पक्के बाँध की माँग भी करेंगी।

ज्ञात हो कि ग्राम खमरिया के पास पश्चिमी वहगुल नदी पर क्षेत्रीय किसान किसान कल्याण समिति की मदद से पिछले 8 वर्षों से कच्चे बाँध का निर्माण कर रामपुर और बरेली जनपद के 165गाँवो के खेतों की सिंचाई करते हैं।गत 20दिनों की कड़ी मेहनत से किसानों द्वारा बनाया गयाकच्चा बाँध नदी में वहने से किसानों के अरमानो पर पानी फिर गया।कच्चा बाँध वहने के बाद किसानो ने पक्का बाँध बनाने को एसडीएम बहेड़ी,जिलाधिकारी बरेली के साथ ही नगर आयुक्त से मिलकर शासन द्वारा पक्के बाँध निर्माण की माँग की थी।बुधवार को नगर आयुक्त बरेली ने किसानों को दुबारा कच्चा बाँध बनाने के निर्देश के साथ मदद का आस्वासन दिया।अब कच्चा बाँध दुबारा बनाने को किसान रणनीति तैयार करेंगे।

बताते चले कि पश्चिमी वहगुल नदी पर अंग्रेजी शासन काल में बना पक्का रेगुलेटर बाँध लगभग दो दशक पूर्व टूट गया था।वाँध टूटने के बाद किसानों ने नहर विभाग से बाँध बनाने की गुहार लगाई थी।किसानों की माँग पर नहर विभाग ने कुछ समय तक कच्चा बाँध बनाकर किसानों को सिंचाई का लाभ दिया।सन 2010में सरकार ने कच्चा बाँध बनाना बन्द कर दिया।तब परेशान किसानों की मदद को क्षेत्र के पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार आगे आए।जिन्होंने किसानों की सलाह से किसान कल्याण समिति का गठन कर कार सेवा से सन 2016 में पहली वार कच्चा बाँध बनाकर किसानों को सिंचाई का लाभ दिया।तब से अब तक किसान कल्याण समिति कच्चे बाँध का निर्माण करती चली आ रही हैं।

चीफ इंजिनियर से पूर्व विधायक ने स्वयं पक्का बाँध बनाने को ऑफर दिया था

किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार ने वताया कि किसानों की सिंचाई और कार सेवा से बनने बाले बाँध को देखते हुए उन्होंने सिंचाई विभाग के चीफ इंजिनियर से स्वयं बाँध बनाकर किसानों को लाभ देने की गुहार भी लगाई थी।मगर उन्होंने अनुमति नहीं दी।