बाराबंकीः नेहरु जी प्रभावशाली बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थें- पीएल पुनिया
विधान केसरी समाचार
बाराबंकी। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरु का जन्मदिन आज एक ओर जहां विद्यालयों में बाल दिवस के रुप में मनाया गया। वहीं बाराबंकी के पूर्व सांसद व वर्तमान सांसद के तनुज पुनिया के पिता डाॅ0 पीएल पुनिया की उपस्थिति में उनके आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई तथा स्थानीय जवाहरलाल नेहरु मेमोरियल पी.जी. कॉलेज (जेएनएमपीजी कालेज) के प्राचार्य प्रो0 (डाॅ0) सीताराम सिंह के संरक्षकत्व में चाचा नेहरु को याद किया गया।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बच्चों के प्रिय नेता पं0 जवाहर लाल नेहरू बेहद प्रभावशाली बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थें पूर्णं स्वराज का विचार कांग्रेस के सामने सबसे पहले नेहरू जी ने रक्खा था जिसे कांग्रेस ने प्रस्ताव पास करते हुये 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में तिरंगा फहराकर पूर्णं स्वराज की घोषणां करने का निर्णय लिया। पंचशील के सिद्धांत उनके महान चिंतक और वैश्विक सोंच वाले राजनेता होने के परिचायक है। आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू जी ने एक महत्वपूर्णं भूमिका निभाई और उनके दृष्टिकोंण ने हमारे देश को एक प्रगतिशील और समृद्धि राष्ट्र बनाने में मदद की। आज उनकी जयंती के अवसर पर हम अपने दिल की गहराइयों से याद करके उन्हें कांग्रेस परिवार के साथ श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
उक्त उद्वगार पूर्व सांसद डा0 पी0एल0 पुनिया ने, आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू जी की जयंती के अवसर अपने ओबरी आवास पर आयोजति कार्यक्रम में कांग्रेस परिवार के साथ उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के पश्चात व्यक्त किये।
उक्त अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन ने पं0 नेहरू के महान योगदानों को याद करते हुये कहा कि, पं0 नेहरू का दृष्टिकोंण आज के दौर में भी प्रासंगिक है आपने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर स्वतन्त्र भारत के निर्माण तक जो भूमिका निभाई वो हम सभी के लिये गौरव की बात है आज हम कांग्रेस परिवार के साथ नेहरू जी की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके दिखाये रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न जवाहर लाल नेहरू जी की जयन्ती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से पूर्व सांसद डा0 पी0एल0 पुनिया कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन, नगर अध्यक्ष राजेन्द्र वर्मा फोटो वाला, प्रवक्ता सरजू शर्मा, के0सी0 श्रीवास्तव, शिव बहादुर वर्मा, इरफान कुरैशी, राम हरख रावत, सिकन्दर अब्बास रिजवी, दिलशाद वारशी, अजय रावत, सैय्यद अरशद अहमद, कौशल किशोर, नेकचन्द्र त्रिपाठी, संजीव मिश्रा, प्रशान्त सिंह, सचिन त्रिपाठी, फरहान किद्वई, श्रीकान्त मिश्रा, गोपी कनौजिया, आनन्द रावत, जसवन्त यादव, आनन्द कुमार, उदयराज यादव, सुरेन्द्र वर्मा, मोहम्मद तौकीर, अब्दुल समद, भूपेन्द्र वर्मा, हाजी मोहम्मद असफाक सहित दर्जनों की संख्या में कांग्रेसजनों ने नेहरू जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजली दी।
इसी क्रम में स्थानीय जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पी.जी. कॉलेज के तत्वावधान में भारतवर्ष के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू की जन्मतिथि और बाल दिवस के अवसर पर परिसर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में महाविद्यालय के संरक्षक और प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ०) सीताराम सिंह ने पंडित नेहरू के बाल्यकाल के संस्मरणों के साथ बच्चों को प्रेरित करते हुए उनकी विशिष्ट उपलब्धियों और भारतवर्ष के नवनिर्माण में उनके अप्रतिम योगदान को रेखांकित किया।
अपने वक्तव्य में प्राचार्य ने कहा कि पंडित नेहरू बच्चों के अधिकारों और समान शिक्षा प्रणाली के पक्षधर थे। उनके योगदान का स्मरण करते हुए उन्होंने पंडित नेहरू को बच्चों का सर्वप्रिय नेतृत्व कर्ता बताया और यह भी उल्लेख किया कि वे देश के नौनिहालों को सर्वाधिक समृद्ध और कीमती संसाधन स्वीकार करते थे। इसलिए युवा नागरिकों के जीवन की बेहतरी के लिए और उनकी राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि के लिए पंडित नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है । प्राचार्य ने कहा कि यह वह अवसर है जिसके माध्यम से बच्चों में खुशियां उनके अधिकारों और उनके उज्जवल भविष्य को संवारने के लिए जागरुकता फैलाई जाती है।
बच्चों को चाचा नेहरू के माध्यम से उनकी प्रतिबद्धताओं के प्रति और अपने जीवन की सुरक्षा और भविष्य के प्रति जागरूक करने का भी प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में सार्थक प्रयास किया।
कार्यक्रम के संचालक शिक्षाशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरविंद कुमार पाण्डेय ने 1952 से लेकर 1964 के मध्य देश में हुए क्रांतिकारी परिवर्तनों के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू को उत्तरदायी बताते हुए कहा कि यदि पंडित नेहरू न होते तो इस देश को निसंदेह आधुनिक और प्रगतिशील बनाने का स्वप्न आज अपने वास्तविक स्वरूप में जीवन्त न हो पाता। कार्यक्रम में महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के प्रोफेसर डॉ.मनीष पाण्डेय, शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार गौड और उर्दू विभाग के प्रभारी डॉ. अजीज रजा समेत महाविद्यालय के कई प्राध्यापक और कर्मचारी गण उपस्थित थे।