ग्रीन आर्किड सोसाइटी में बंदरों का आतंक, कुत्ते ने महिला को काटा, कुत्ता पालक पर नहीं है वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड
मुरादाबाद (विधान केसरी)। शहर की ग्रीन आर्किड सोसाइटी की गिनती मुरादाबाद की पॉश सोसाइटियों में होती है लेकिन यहां रह रहे कुछ लोगों की लापरवाहियां और उनके शौक किसी भी दिन यहां बड़े हादसे का कारण बन सकते है। क्योंकि लोगो ने अपने निजी शौक के लिए यहां कुत्ते तो पाल रखे है लेकिन किसी के पास न तो कुत्तों का प्रॉपर वैक्सीनेशन रिकॉर्ड होगा और न ही नगर निगम या संबंधित अथारिटी का रजिस्ट्रेशन तो ऐसे में इनका कुत्ता पालना कितना जायज है ये सोचने का विषय है। उधर सोसाइटी में बंदरों का आतंक भी यहां के निवासियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ, बंदरों के लिए भी कही न कहीं यही के कुछ गैर जिम्मेदार सो कॉल्ड समझदार लोग जिम्मेदार है।
पार्क में टहल रही महिला पर छपटा जर्मन शेफर्ड कुत्ता
बता दें कि बृहस्पतिवार को ग्रीन आर्किड सोसाइटी में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक जर्मन शेफर्ड कुत्ते ने सोसाइटी की एक महिला को काट लिया, पिछले हफ्ते एक बच्चे को बंदर ने बुरी तरह काटकर घायल कर दिया था, सोसाइटी में आए दिन हो रही ऐसी घटनाओं से सोसाइटी वासी खौफजदा है। मजेदार बात ये है कि जब कुत्ता पाल रहे कुत्ता पालक से महिला के रिश्तेदार ने सोसाइटी के कुछ गणमान्य लोगों के साथ जाकर बात की और कुत्ते के वैक्सीनेशन के बारे में पूछा गया तो उसके पास वैक्सीनेशन का कोई रिकॉर्ड नहीं था। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि इस व्यक्ति को बिना वैक्सीनेशन के किस तरह फ्लैट स्वामी ने अपना फ्लैट रहने के लिए किराए पर दिया। जबकि नियमानुसार किरायेदार का पुलिस वैरिफिकेशन और यदि वो कोई Pet एनिमल पालने का शौकीन है तो उसका पूरा वैक्सीनेशन रिकॉर्ड संबंधित व्यक्ति को दिखाना होता है, लेकिन यहां कुछ लोग पैसे की खातिर तमाम नियम कायदों को दर किनार कर किसी को भी अपना फ्लैट किराए पर दे दे रहे है।
सोसाइटी में है करीब 250 फ्लैट यानी 250 परिवार, लिफ्टों से खुलेआम ले जाए जाते है कुत्ते
बता दें कि यहां 250 के करीब फ्लैट है लोग खुलेआम लिफ्ट से कुत्तों को लेकर जाते है लेकिन कोई कुछ बोलने वाला नहीं है, बृहस्पतिवार को जिस महिला को कुत्ते ने काटा उस महिला का नाम नेहा रावत है इन्होंने अभी दिवाली पर यहां फ्लैट खरीदा है। और महज चंद दिनों में ही उनके साथ ये घटना हो गई, सोसाइटी में महिलाओं के साथ साथ बच्चे और बुजुर्ग भी है जिनमें कुत्तों के साथ बंदरों का भी बराबर खौफ है,
अब बात करते है सोसाइटी में बढ़ते बंदरों के आतंक की
अभी एक हफ्ता पहले एक बच्चे को बंदर ने काटकर बुरी तरह घायल कर दिया था बंदरों की बढ़ती तादात की वजह भी यहीं के कुछ लोग है जो बार बार समझाने के बावजूद भी अपने घरों का कूड़ा और वेस्ट फूड मैटेरियल बाहर रख देते है, और बंदरों की अच्छी खासी दावत हो जाती है, अब आप ही बताइए यदि किसी जानवर को कही खाने पीने की चीजें भरपूर मात्रा में मिलेंगी तो भला वो उस जगह को छोड़कर क्यों जाएगा। नीचे तस्वीरों में आप बखूबी देख सकते है लोग किस तरह अपने घरों के बाहर ये कूड़े के डस्टबिन रख देते है और बंदर इनमें से खाना ढूंढने के लिए पूरा कूड़ा उनके फ्लैटों के कॉरिडोर में बिखेर कर गंदगी फैला देते है,
ऐसे लोगो को कई बार चेतावनी भी दी गई लेकिन इनके कानों पर जूं रेंगने को तैयार नहीं। ऐसे में यहां बंदरों के द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम दिए जाने की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता, और इसके लिए कोई और नहीं बल्कि यहीं के लोग जिम्मेदार होंगे।