बाराबंकीः मौत पर मुआवजा किसी भीषण त्रासदी का समाधान नही है- तनुज पुनिया

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विधान केसरी समाचार

बाराबंकी। मौत पर मुआवजा किसी भीषण त्रासदी का समाधान नही है झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में बने स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में आगजनी की घटना में 10 मासूम बच्चों की असमय मौत एक घटना नहीं हमारी स्वास्थ व्यवस्था की गंभीर विफलता का प्रतीक है इस दुर्भाग्यपूर्णं अग्निकांड ने मेडिकल कॉलेज फायर सिस्टम की कलाई पूरी तरह खोल दी है फायर सेफ्टी सिस्टम का ऑडिट तथा माकड्रिल होने के बाद भी ऐसी घटना के लिये सीधे तौर पर मेडिकल कॉलेज का प्रबन्धतन्त्र दोषी है। इस दुर्भाग्यपूर्णं घटना की जांच निष्पक्ष हो इसके लिये सरकार मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य नरेन्द्र सिंह सेगर तथा जिम्मेदार चिकित्सकों को तत्कालिक प्रभाव से हटाकर जांच कराये तथा मृतक अबोध बच्चों के परिवारजनों को 10 लाख रूपये तथा गम्भीर रूप से धायल बच्चों के परिजनों को उनके इलाज के लिये 2लाख रूपयेे की तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये।

उक्त मांग सांसद तनुज पुनिया ने झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रेन वार्ड में हुयी आगजनी की घटना में 10 मासूम बच्चों की असमय मृत्यु और कई मासूम बच्चों के गम्भीर रूप से घायल होने की घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुये सरकार से की।

सांसद तनुज पुनिया ने पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुये कहा कि, किसी भी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी होती है कि, वो आवाम की जान माल की सुरक्षा करे लेकिन झांसी की घटना में मेडिकल कॉलेज के फायर सेफ्टी सिस्टम के ऑडिट तथा माकड्रिल के पश्चात खतरे का अलार्म न बजना और घटना का हो जाना यह साबित करता है कि, उक्त दर्दनाक घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाये और जांच को ठण्ड़े बस्ते में न डालकर दोषियों के प्रति कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये जिससे कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी में हीला हवाली न करके किसी की जिंदगी से खेलने का दुस्साहस न कर सके। इन मासूम बच्चों की जान की कोई कीमत नहीं हो सकती है एैसी दर्दनाक घटना से सरकार और अधिकारी सबक लें और ये सुनिश्चित करें कि, भविष्य में किसी की जान प्रशासनिक लापरवाही के कारण न जाये।

सासंद तनुज पुनिया ने कहा कि हम एक बार फिर इस घटना से पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि, पूरी जिम्मेदारी से सम्पूर्णं उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में फायर सेफ्टी और आपातकालीन प्रबन्धन की व्यापक समीक्षा कर उनकी सारी कमियों को तत्काल दूर किया जाये। और इस दर्दनाक घटना में धायल मासूमों का इलाज कुशल चिकित्सकों की देखरेख में कराया जाये और हादसे के बाद गायब बच्चों को तत्काल उनके परिजनों से मिलाया जाये।