Sonebhadra: आदिवासी बच्चों का ऐसे संवारा जाएगा भविष्य, मिलेगी यह बड़ी सौगात।

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सुदूर आदिवासी क्षेत्र के विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए जिले में तीन जनजातीय छात्रावासों के निर्माण की अनुमति मिली है।

सोनभद्र। भोगौलिक रूप से दूसरा सबसे बड़ा यूपी का आदिवासी बहुल कहे जाना वाला जनपद सोनभद्र में लगातार आदिवासियों के उत्थान के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही। तो शिक्षा स्तर में भी सुधार के लिए अब अभियान चलाए जा रहें।
माध्यमिक शिक्षा विभाग जनजातीय वर्ग के बच्चों के लिए तीन छात्रावास का निर्माण कराएगा। एक एकड़ में बनने वाले इस छात्रावास में 100 छात्रों के रहने की सुविधा रहेगी। यह छात्रावास उन इलाकों में खोले जाएंगे, जहां के बच्चों को रोजाना लंबी दूरी तय कर स्कूल आना-जाना संभव नहीं होता। आदिवासी बहुल जिले की भौगोलिक जटिलता भी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में बाधा बनती है। नगवां, चोपन, कोन, म्योरपुर, दुद्धी, बभनी ब्लॉकों में कई इलाके ऐसे हैं, जहां आज भी आवागमन की अच्छी सुविधा नहीं है। उन इलाकों में आसपास अच्छे स्कूल न होने से वहां बच्चों को पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती है। समाज कल्याण विभाग की ओर से कुछ क्षेत्रों में आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं, मगर बच्चों की संख्या के लिहाज से वह नाकाफी हैं। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से भी तीन नए छात्रावास स्थापित करने की मंजूरी मिली।
राज्य परियोजना कार्यालय के निर्देश पर दुद्धी और रॉबर्ट्सगंज तहसील क्षेत्र में तीन स्थानों का चयन किया गया है। रॉबर्ट्सगंज में नगवां ब्लॉक के चरगड़ा में जनजातीय छात्रावास का निर्माण होगा तो वहीं दुद्धी तहसील के झापर और अमवार में नए छात्रावास बनाए जाएंगे। इसके लिए संबंधित गांव में एक एकड़ भूमि चिह्नित की जा रही है। प्रत्येक छात्रावास में 100 छात्रों के रहने की सुविधा रहेगी। इसके लिए विभाग कार्ययोजना तैयार कराने में जुटा हुआ है। जल्द ही निर्माण के लिए धन आवंटन होने की उम्मीद है।
सुदूर आदिवासी क्षेत्र के विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए जिले में तीन जनजातीय छात्रावासों के निर्माण की अनुमति मिली है। स्थान चिह्नित कर लिए गए हैं। शीघ्र ही भवन का निर्माण भी आरंभ कराया जाएगा।