प्रतापगढः मुश्किल में किसान : समितियों में डीएपी खाद न मिलने से किसान परेशान
विधान केसरी समाचार
प्रतापगढ़। जनपद में किसानों को इस समय डीएपी खाद की भारी कमी से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रबी फसल की बुआई के समय जिले की साधन सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता न होने के कारण किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गयी है। किसानों का कहना है कि खाद की ऐसी ही स्थिति रही तो खेतों में गेंहूँ व सरसों फसल की बोआई के लिए उपयुक्त नमी खत्म हो जाएगी। इसके चलते उन्हें नमी के लिए फिर से खेतों में पानी भरना पड़ेगा और खर्च बढ़ जायेगा। किसानों की खेती व उपज भी प्रभावित होगी । बता दें कि किसान डीएपी के लिए किसान एक समिति से दूसरी समिति का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन समितियों में ताले लटक रहे हैं। कहीं कहीं पर तो समिति में खाद की किल्लत की वजह से किसानों को बाजार में मूल्य से ज्यादा कीमत देकर डीएपी खरीदना पड़ रहा है। गेहूँ, सरसों, चना, मटर, जौ और आलू जैसी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए डीएपी खाद का प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन जिले में खाद की भारी किल्लत हो गई है। पिछले कुछ हफ्तों से किसान विभिन्न समितियों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन खाद का अभाव है। पहले खाद भेजी गई थी लेकिन अब समितियों पर ताले लटके हुए हैं और किसान निराश होकर लौट रहे हैं। डीएपी खाद की कमी के कारण जिले में खाद की कालाबाजारी भी बढ़ गई है। हालांकि डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि खाद की कालाबजारी न होने पाये और यदि कहीं भी खाद की कालाबाजारी की जाती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि सिमिति पर जाने के बाद सचिव द्वारा आश्वासन मिलता है लेकिन डीएपी नहीं मिलती।
जिम्मेदारों का है कहना
डीएपी की रैक लग चुकी है तीन से चार दिनों में जिले की सभी समितियों पर डीएपी खाद उपलब्ध हो जायेगी।
सहायक आयुक्त सहायक निबन्धक सहकारिता