प्रतापगढः भगवत नाम के जपने में जीवन का निहित है पुण्य-पं. विनोद शुक्ल

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लालगंज/प्रतापगढ़। ढिगवस क्षेत्र के पूरे हीरानंद गांव में हो रही श्रीमदभागवत कथा में सोमवार को भगवान द्वारिकाधीश के लीलावतार के मनमोहक प्रसंगों को सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। कथाव्यास पं. विनोद शुक्ल जी महराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पाप के समूल विनाश के लिए धरावतरण लिया। उन्होने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से लेकर महाभारत के धर्मयुद्ध में भी हुई लीलाओं में संसार में अधर्म के विनाश के लिए धर्म का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होनंे कहा कि भगवान की पूजा आराधना तभी फलीभूत हुआ करती है जब साधक का जीवन नैतिक पथ पर हो।

उन्होने यह भी बताया कि पूजा के साथ भगवान का स्मरण सदैव मन मस्तिष्क की शुद्धता और निर्मलता में होनी चाहिए। उन्होनें कहा कि कलिकाल में प्रभु श्रीकृष्ण के नाम का जाप मात्र से ही जीवन का समस्त पाप क्षीण हो जाया करता है। कथा में हरे कृष्ण हरे राधे संकीर्तन और भजनों में श्रद्धालु आत्मविभोर दिखे। कथा के संयोजक पं. कृष्णआसरे दुबे व राम आसरे दुबे ने विश्राम बेला में कथा व्यास का श्रद्धालुओं की ओर से सम्मान किया। वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर द्विवेदी ने आभार प्रदर्शन किया। इस मौके पर शशिधर शुक्ल, जितेन्द्र तिवारी, अंकित द्विवेदी, बाबूलाल शुक्ल, शिवाकांत शुक्ल, अजीत द्विवेदी, कमलापति द्विवेदी आदि मौजूद रहे।