अमेठीः अग्नि सुरक्षा जन-जागरूकता प्रशिक्षण अभियान के तहत 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय बेनीपुर में आग बुझाने के उपायों सहित कराया गया इवैक्वेशन ड्रिल
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अमेठी। अग्निशमन एवं आपात सेवा केन्द्र के अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि जनपद झांसी के अस्पताल में हुई अग्नि दुर्घटना को दृष्टिगत रखते हुये पुलिस अधीक्षक अमेठी के आदेश के क्रम में अग्निशमन एवं आपात सेवा केन्द्र अमेठी द्वारा अग्नि सुरक्षा जन-जागरूकता प्रशिक्षण अभियान चलाया गया। इस अवसर पर जन-जागरूकता प्रशिक्षण अभियान में अग्निशमन अधिकारी अमेठी शिवदरस प्रसाद ने अपनी पूरी टीम के साथ जनपद के 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय बेनीपुर में चिकित्सकों, स्टाफ नर्सो, वार्ड बॉय, स्टाफ एवं अस्पताल के सभी कर्मचारियों को जागरूक करते हुए आग लगने के सम्भावित कारकों के बारे में विस्तार से जानकारी देकर विभिन्न प्रकार के फायर एक्सटिंग्यूशरों को चलाने के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए घरों एवं अस्पताल में अग्निसुरक्षा, एलपीजी से बचाव एवं सावधानियों के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने आग बुझाने के अनेक तरीकों सहित इवैक्वेशन ड्रिल कराकर एवं चिकित्सकों, स्टाफ नर्सो, वार्ड बॉय, स्टाफ एवं अस्पताल के सभी कर्मचारियों को आग लगने की स्थिति में भवन से सुरक्षित मार्ग द्वारा बाहर निकलने का अभ्यास कराया गया तथा अभियान के दौरान अग्निशमन अधिकारी द्वारा विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि आग लगने पर अत्यधिक धुआं होने की स्थिति में झुककर या बैठकर सुरक्षित बाहर निकले, अस्पताल के सभी पलायन मार्गो को सदैव बाधा मुक्त रखें, अस्पताल में वायरिंग के साथ स्थापित स्विच प्लग के अतिरिक्त एक्सटेंशन लगाकर अन्य उपकरणों का प्रयोग न किया जाए, जलने वाली वस्तुओं के आसपास आग या फ्लेम वाली कोई वस्तु न रखी जाए तथा अस्पताल में बिजली के कटे-फटे तारों को तुरन्त बदलवा दें या मरम्मत करा लें, सही ढंग का फ्यूज लगायें व एक ही प्लग पर कई यंत्र न लगाएं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में स्थापित सभी अग्निशमन उपकरणों का चलने का हमेशा अभ्यास किया जाए तथा उनको कार्यशील दशा में बनाकर उपलब्ध रखा जाए, आग लगने पर सबको बतायें व आग बुझाने का प्रयास करें, कपड़े में आग लगने पर दौड़े नहीं, बल्कि जमीन पर लेटकर लुढ़के, फ्लेम प्रूफ बिजली की व्यवस्था किया जाय, धूम्रपान, माचिस का प्रयोग अथवा अन्य कोई आग लगने वाली वस्तु का प्रयोग सुरक्षा घेरे के अन्दर न किया जाय तथा आग को फैलने से रोकने के लिए भवन छोड़ देने के पश्चात फायर ब्रिगेड आने तक दरवाजे खिड़कियां बंद रखें। उन्होंने बताया कि जल जाने पर रनिंग वाटर का प्रयोग करें तथा चिकित्सक से सलाह लें, अपने क्षेत्र के फायर स्टेशन का टेलीफोन नंबर याद रखें व पुलिस थाने पर भी आग की सूचना दें, आग लगने पर फायर ब्रिगेड को टेलीफोन करके अवश्य बुलाएं, यह सेवाएं हर समय निःशुल्क उपलब्ध हैं, फायर ब्रिगेड को सूचना देते समय घबराई हुई आवाज से मत बोले, मन को शांत करके साफ-साफ अपना नाम पता लिखवाए और फायर ब्रिगेड के तत्काल पहुंचने का मुख्य स्थान समझा दें तथा फायर ब्रिगेड के पहुंचने तक हर संभव उपाय से आग बुझाने की कोशिश करें।
उन्होंने बताया कि घी तेल या पेट्रोलियम की आग को पानी से मत बुझाएं, फोम एक्सटिंग्यूंशर या मिट्टी और बालू से बुझाएं, बिजली की आग होने पर पहले बिजली के मेन स्विच ऑफ कीजिए तत्काल कार्बन डाइऑक्साइड या ड्राई पाउडर एक्सटिंग्विशर अथवा सूखी मिट्टी और बालू से बुझाएं, कपड़ों में आग लगने पर भागे नहीं हो सके तो कंबल लपेटे अथवा जमीन पर लेटकर लुढ़के, फायर ब्रिगेड आने पर उसकी सहायता लें, बेकार भीड़ न लगाएं तथा आग से घिर जाने पर खिड़की दरवाजा आदि पर जाकर शोर मचाकर लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कीजिए व भारी चीज जैसे अलमारी आदि से रस्सी या कपड़े बांधकर उसके सहारे उतरने की कोशिश करें छत से छलांग मत लगाएं। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर जागरूकता अभियान में 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय बेनीपुर अमेठी के डॉ0 शिवेंद्र त्रिपाठी, डॉ0 दीपेंद्र नाथ मलिक, डॉ0 कौशलेंद्र प्रताप सिंह, डॉ0 प्रियंका मलिक, डॉ0 लुब्ना जमीर, डॉ0 हेमलता तथा लेखा अधिकारी आशीष पांडे सहित अन्य समस्त कर्मचारी व अग्निशमन तथा आपात सेवा केन्द्र अमेठी के प्रशिक्षक फायर सर्विस चालक शत्रुध्न तिवारी, फायरमैन अमित कुमार ने प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।