पपीता की पत्तियां और बीज है सेहत के लिए बेहद फायदेमंद
पपीते का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं इसकी पत्तियां और बीज भी बेहद गुणकारी हैं। इनमे ऐसे कई कम्पाउंड और पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमे कई तरह का स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। पपीता की पत्तियों और बीज में फाइबर, पपैन, फ्लेवोनोइड्स, विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर हैं। अगर आप इनका सेवन सुबह के समय खाली पेट करते हैं तो इससे आपको और भी ज़्यादा फायदा होगा। चलिए जानते हैं सेहत से जुड़ी किन समस्याओं में पिता की पत्तियां और बीज असरदार है?
इन समस्याओ में है कारगर
- डेंगू बुखार: मच्छरों द्वारा फैलने वाला वायरल बुखार डेंगू में पपीते की पत्तियां और बीज बेहद फायदेमंद है। इनके सेवन से डेंगू के रोगियों में रक्त प्लेटलेट के स्तर को काफी हद तक बढ़ा सकता है।
- पाचन में सहायता करता है: पपीते के पत्तों और बीजों में ऐसे कंपाउंड होते हैं जो पाचन में सहायता करते हैं। पपेन से भरपूर ये पत्ते प्रोटीयोलाइटिक एंजाइम है जो पचाने प्रक्रिया को आसान बनाते हैं।
- प्रतिरक्षा को बढ़ाता है: पपीते के पत्ते और बीज एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। पत्तियों में विटामिन और अन्य फाइटोकेमिकल्स होते हैं जिनमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होते हैं, जो शरीर को बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
- मधुमेह में फायदेमंद: पपीते के पत्तों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में मधुमेह को नियंत्रित करने और रक्त शर्करा नियंत्रण में सुधार करने के लिए किया जाता रहा है। पपीते के पत्तों में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं की रक्षा करके रक्त शर्करा को कम करने वाले प्रभाव होते हैं।
- मासिक दर्द होता है कम: पपीते के पत्तों के सूजनरोधी गुण, जिसमें पपैन और फ्लेवोनोइड जैसे कंपाउंड शामिल हैं, सामान्य सूजन संबंधी स्थितियों को कम करने में मदद कर सकते हैं, संभावित रूप से मासिक धर्म में ऐंठन से कुछ राहत प्रदान कर सकते है।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा: पपीते के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और अन्य फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो आम तौर पर हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। पपीते के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो हृदय रोग के कारक हैं।