तिलोई: राम कथा की तैयारियां पूर्ण, कल से होगी कथा प्रारंभ
विधान केसरी समाचार
तिलोई/अमेठी। तिलोई स्थित राजा विश्वनाथ शरण सिंह इण्टर कालेज के प्रांगण में शुक्रवार से प्रारम्भ होने वाली नौ दिवसीय श्रीराम कथा की तैयारियां पूर्ण हो गई है। राज्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर श्रीराम कथा की तैयारी का निरीक्षण कर दिशा निर्देश दिया। श्रीराम कथा आयोजन समिति के पदाधिकारियों द्वारा नगर तिलोई को रंग बिरंगी झालरों और झण्डों से सजाया जा रहा है। कथा प्रेमियों के स्वागत के लिये जगह जगह होर्डिंग और तोरणद्वार बनाये गये है। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री राजा मयंकेश्वर शरण सिंह द्वारा आगामी बाइस नवम्बर से तीस नवम्बर तक नौदिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन आरबीएस कालेज तिलोई में किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक आचार्य शान्तनु जी महाराज द्वारा सायं साढ़े पांच बजे से साढ़े आठ बजे तक श्रोताओं को कथा का रसपान कराया जायेगा।
राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये समस्त व्यवस्थाओं के लिये कमेटी गठित कर दी गयी है जो अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बुधवार को को राज्यमंत्री राजा मयंकेश्वर शरण सिंह व ब्लाक प्रमुख तिलोई के प्रतिनिधि कृष्ण कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह कार्यक्रम स्थल पर डटे रहे। राज्यमंत्री राजा मयंकेश्वर शरण सिंह ने बताया कि श्रीराम कथा पण्डाल में एक साथ दस हजार श्रोताओं के बैठने का प्रबंध किया गया है जिसमें महिलाओं के बैठने के लिये अलग से विशेष व्यवस्था की गयी है।उन्होंने बताया कि कार्यक्रम स्थल को रंग बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया जा रहा है।श्रोताओं के स्वागत के लिये तिलोई नगर में जगह जगह पर होर्डिंग और झण्डियां लगायी जा रही है।कार्यक्रम स्थल को आधुनिक लाइटों से सजाया जायेगा।उन्होंने बताया कि पेयजल और मोबाइल शौचालय की व्यवस्था की गई है। ब्लाक प्रमुख तिलोई के प्रतिनिधि कृष्ण कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।उन्होंने आम जनमानस से नियमित कथा सुनने की अपील की है।इस मौके पर कुंवर मृगांकेश्वर शरण सिंह, पूर्व ब्लाक प्रमुख रमेश सिंह,अखण्ड प्रताप सिंह,मनीष सिंह,वीरेन्द्र तिवारी, दिनेश सिंह राठौर,भाष्कर सिंह,बबलू सिंह, प्रदीप सिंह, ध्रुवराज पासी, गुडडू सिंह दिग्विजय सिंह, धीरू सिंह, सुधीर सिंह सहित अन्य तमाम लोग मौजूद रहे।