बीसलपुर: भक्ति बैराग की कथा सुनकर श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
विधान केसरी समाचार
बीसलपुर- बीसलपुर के गांव खांडेपुर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में मैनपुरी जिले के गांव लेखराज पुर से पधारी कथा बाचिका पूनम शास्त्री ने सुनाई आत्म देव की पावन कथा।
गांव खांडेपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा बाचिका पूनम शास्त्री ने कहा कि तुंगभंगा नदी के किनारे के एक गांव था। वहां पर आत्म देव नाम का एक ब्राह्मण और उसकी पत्नी धुंधली रहती थी। आत्म देव तो सज्जन स्वाभाव के थे लेकिन उसकी पत्नी दुष्ट प्रवृति की थी। आत्म देव बहुत उदास रहते थे। क्योंकि उसके कोई संतान नहीं थी और बहुत बार उन्होंने आत्महत्या करने की भी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाये। एक दिन हताश होकर जंगल की तरफ आत्महत्या करने निकल गए। आत्म देव को रास्ते में एक ऋषि जी मिले और फिर आत्म देव ऋषि को अपनी कहानी सुना कर रोने लगे और उपाय पूछने लगा। ऋषि ने कहा मेरे पास अभी तो ऐसा कुछ नहीं की जिससे मैं तुम्हें कुछ दे पाऊं लेकिन आत्म देव ने बताया कि उसकी गाय को कोई बच्चा नहीं हो रहा है और जब आत्म देव ऋषि को बार बार बोलने लगे तो ऋषि ने उसे एक फल दिया और उसको अपनी पत्नी को खिलाने को कहा और कहा कि एक साल तक तुम्हारी पत्नी को सात्विक जीवन जीना पड़ेगा। आत्म देव वह फल लेकर खुशी खशी घर वापस आकर सारी बात धुंधली को बताता है। उसको वह फल खाने को देता है। कथा सुनकर सभी भक्त गदगद हो गये।