पिछले 4 साल से बच रहा था आतंकियों का मददगार, NIA ने दबोचा
NIA ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठनों द्वारा रची गई साजिश में शामिल होने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने बुधवार को एक बयान में बताया कि मुनीर अहमद बंदे नाम का यह शख्स ड्रग्स की स्मगलिंग कर पैसे जुटाता था और आतंकियों की मदद करता था। NIA की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पिछले 4 सालों से गिरफ्तारी से बच रहा मुनीर अहमद बंदे जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकवाद फैलाने के लिए पैसे जुटाने के उद्देश्य से रची गई साजिश का अहम हिस्सा था।
NIA ने अपने बयान में कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल-मुजाहिद्दीन जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के गुर्गों की संलिप्तता वाली साजिश का जून 2020 में पता लगा था। एजेंसी ने बताया कि जून 2020 में हंदवाड़ा पुलिस ने वाहन की जांच के दौरान 2 किलोग्राम हेरोइन और 20 लाख रुपये नकद जब्त करने के बाद मामला दर्ज किया था। NIA ने बताया कि एक अन्य आरोपी अब्दुल मोमीन पीर की गाड़ी को बारामूला से आते समय रोका गया। एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पीर से पूछताछ और उसकी निशानदेही पर 15 किलोग्राम हेरोइन और 1.15 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे।
केंद्रीय एजेंसी ने बयान में कहा, ‘NIA ने 2020 के कश्मीर में ड्रग्स की तस्करी से कमाए गए पैसे से आतंकवाद फैलाने के मामले में वॉन्टेड आरोपी को गिरफ्तार किया है। वह आतंकवाद की फंडिंग के लिए ड्रग्स की तस्करी से पैसे जुटाने की पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की साजिश से जुड़ा है।’ NIA ने 23 जून 2020 को मामले को दोबारा दर्ज किया और अब तक 15 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए हैं। बता दें कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका ड्रग्स के कारोबार के जरिए पैसे जुटाते हैं और आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग करते हैं।