मनीष सिसोदिया ने मांगी जमानत की शर्त में ढील, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जमानत की शर्त में ढील की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा है कि वह दो सप्ताह बाद मामले को सुनेगा. वह कोशिश करेगा कि अगली सुनवाई में इस आवेदन का निपटारा कर दिया जाए.
शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी के मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 9 अगस्त को मनीष सिसोदिया को जमानत दी थी. जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन ने सिसोदिया को 10 लाख रुपए के दो निजी मुचलकों पर जमानत दी थी. साथ ही कोर्ट ने यह शर्त रखी थी कि वह हर सोमवार और गुरुवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होंगे.
जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने सिसोदिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह एक वरिष्ठ नेता हैं. जमानत मिलने के बाद अब तक 60 से अधिक बार जांच अधिकारी के सामने पेश हो चुके हैं. अब इस आदेश में ढील दी जानी चाहिए.
सिसोदिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से जमानत की मांग पर जजों ने कहा कि वह दूसरे पक्ष को सुन कर आदेश देंगे. उन्होंने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है.
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में सीबीआई और ईडी दोनों ने गिरफ्तार किया था. उन्हें अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. इसके अगले महीने ईडी ने उन्हें नौ मार्च, 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज धन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया. उन्होंने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.