संविधान सत्य और अहिंसा की किताब, हिंसा की इजाजत नहीं देता-राहुल गांधी
राहुल गांधी ने संविधान दिवस मौके पर कहा कि संविधान सत्य और अंहिसा का किताब. वो हिंसा की इजजात नहीं देता है. संविधान अंहिसा का रास्ता दिखाता है. इस मौके पर उन्होंने जाति जनगणना पर भी बात ही. उन्होंने कहा कि हम जिस राज्य में रहेंगे वहां जाति जनगणना करवाएंगे. हालांकि, वो सिर्फ यही पर नहीं रुके. उन्होंने दलितों और पिछड़ों के लिए भी कई सारी बात कही. उन्होंने कहा कि आज कल का युवा इंजिनियर बनना चाहता है. कोई मीडिया में जाना जाता है. हालांकि, उनके पास कोई मौका नहीं रहता है. आज कल मीडिया के फिल्ड में कोई भी पिछड़ा जाति का नहीं है. चाहे वो एंकर हो या मालिक. वहां भी उनकी भागीदारी न के बराबर है.
हैरानी की बात ये रही की राहुल गांधी के संबोधन के शुरुआत में ही उनका माइक बंद हो गया, जिसके बाद उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया और नारे लगाने लग गए. लेकिन कुछ देर के बाद फिर से तकनीकी खराबी तो दूर करने के बाद उन्होंन अपना भाषण दोबारा से चालू किया. इसके बाद उन्होंने लगातार बीजेपी पर निशाना साधते हुए जाति जनगणना के मुद्दे पर अधारित बात शुरू कर दी.
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि हजारों सालों के लिए भारत की सोच है, यह सत्य और अहिंसा के बारे में है. इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मैं आपको गारंटी देता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान नहीं पढ़ा है, अगर उन्होंने पढ़ा होता तो वे वह काम नहीं करते जो वह रोजाना करते हैं.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने दोनों सदनों में संविधान पर चर्चा का आग्रह किया है. खरगे ने संसद परिसर में पीटीआई को बताया कि उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर संविधान को अंगीकार किए जाने के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर दो दिनों की चर्चा की मांग की है. उनका कहना था, ‘‘हमने आग्रह किया है कि दोनों सदनों में संविधान पर दो दिनों पर चर्चा की जाए ताकि संविधान की अच्छी चीजें बताई जा सकें और आज जो गलत हो हो रहा है, उसके बारे में भी लोगों को समझाया जा सके.’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उनकी (सरकार) क्या राय है, वो हम देखेंगे.