Sonebhadra: राज्य मंत्री के गढ़ में सामूहिक विवाह में फिर हुआ फर्जीवाड़ा, बाल-बच्चे वाली बन गई दुल्हनिया।

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दिनेश पाण्डेय(ब्यूरो)

फिर जिले में मचा हड़कंप चोपन विकास खण्ड व विभाग की लापरवाही आई सामने।

सोनभद्र। यूपी के सोनभद्र में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। अधिकारियों की जांच के दाैरान जोड़ों ने कुछ बोलने से इन्कार कर दिया। पुलिस बुलाने की धमकी पर सच्चाई सामने आई तो अफसरों के होश उड़ गए।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को जिले में हुई 443 जोड़ों की शादी में तीन ऐसे जोड़े भी शामिल रहे, जिनकी पहले शादी हो चुकी है। दो दंपतियों के बच्चे भी हैं।
शिकायत पर शाम को अधिकारी सत्यापन के लिए इनके गांव पहुंचे, जहां जांच में दोबारा शादी करने की पुष्टि हुई। ये तीनों दंपती समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री संजीव गोंड के गृह ब्लॉक चोपन के रहने वाले हैं। इसी ब्लॉक की प्रमुख उनकी पत्नी लीला देवी हैं। उनके गृह क्षेत्र में इस गड़बड़ी ने राजनीतिक हलके में खलबली मचा दी है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सत्यापन के बाद 443 जोड़ों का सोमवार को तहसील स्तर पर विवाह कराया गया। रॉबर्ट्सगंज में 85, दुद्धी में 181, ओबरा में 86 और घोरावल तहसील में 88 जोड़ों ने सात फेरे लिए। दुद्धी में दो और घोरावल में एक जोड़े का निकाह भी हुआ।
ओबरा तहसील में हुए सामूहिक विवाह में तीन ऐसे जोड़े भी रहे, जिनकी पहले शादी हो चुकी है। तीनों जोड़े चोपन ब्लॉक के रहने वाले हैं। सत्यापन और टोकन जारी होने के बाद मंडप में उनकी शादी करा दी गई। दो जोड़ों के बच्चे भी हैं। एक दंपती का मामला कुछ माह पहले थाने तक पहुंचा था।
सोमवार को दोबारा विवाह रचाने की शिकायत पर देर शाम जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव और चोपन बीडीओ शुभम बरनवाल चिह्नित जोड़ों के सत्यापन के लिए उनके गांव पहुंचे। परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की। करीब घंटे भर पूछताछ के बाद दो जोड़ों के विवाह की पुष्टि हुई। पहले कतराते रहे, सख्ती हुई तो बताई सच्चाई
सामूहिक विवाह संपन्न होने के बाद हुई शिकायत की जांच के लिए अधिकारी जब गांव पहुंचे तो जोड़ों ने पूर्व में शादी होने की बात से इन्कार कर दिया। गांव के प्रधान और पूर्व प्रधान को भी बुलाया गया तो उन्होंने भी इन्कार किया। आसपास के लोग भी बताने से कतराते रहे। बाद में जब अफसरों ने पुलिस को बुलाने और केस दर्ज कराने की बात कही, तब सच्चाई सामने आई। बताया गया कि गरीब परिवार को योजना का लाभ दिलाने की मंशा से शादी कराई गई है।
इसी क्रम में कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष उषा चौबे के अगुआई में कार्यकर्ताओ ने जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौपा और कहा कि लगातार मुख्यमंत्री की सामहिक शादी में गड़बड़ हो रहा है और राज्य मंत्री मुख्य अतिथि बनके फोटो खिंचवा रहे हैं।जिससे ये साफ है कि शादी समारोह में लगातार हो रहे गड़बड़ी का जान उच्च स्तरीय होना चाहिए जिससे इसमें संलिप्त लोगों के ऊपर भी कार्रवाई हो।