गौरीगंजः नही हो रहा भुगतान, उधारी की मैटेरियल से हो रहा काम
विधान केसरी समाचार
गौरीगंज/अमेठी। मनरेगा से गांवों में विकास कार्य कराने के लिए जिम्मेदारों को उधारी का सहारा लेना पड़ रहा है। पहले लिए गए मैटेरियल का लगभग सात करोड़ 64 लाख से अधिक का भुगतान लंबित है। वहीं खून पसीना एक करने वाले मजदूरों का भी 28 लाख 62 हजार रुपये की मजदूरी अभी नहीं मिल सकी है। जिम्मेदार बजट मिलने की राह तक रहे हैं। जिले की 682 ग्राम पंचायतों में से 587 में मनरेगा से विकास कार्य कराया जा रहा है। समय से मस्टर रोल जारी न होने के कारण 95 गांवों में काम बंद है। जिन ग्राम पंचायतों में मनरेगा से कच्चा व पक्का काम कराया जा रहा है।
वहां मजदूरों का व मैटेरियल का लाखों रुपये का भुगतान लंबित है। बीते दिनों मजदूरों द्वारा किये गए कार्य के एवज में 62 करोड़ 49 लाख 87 हजार रुपये की लंबित मजदूरी का भुगतान बजट मिलने के बाद कराया गया है। इसके बाद भी विभागीय रिपोर्ट के अनुसार लगभग 10 करोड़ 92 लाख 83 हजार रुपये का भुगतान अभी भी लंबित है। इसमें मजदूरों का 28 लाख 62 हजार रुपये व मैटेरियल का सात करोड़ 64 लाख 88 हजार रुपये के भुगतान के लिए बजट की राह तकी जा रही है। बजट मिलने के बाद ही मैटेरियल आपूर्ति करने वाले दुकानदारों व मजदूरों की तंगी दूर हो सकेगी। सबसे बड़ी समस्या ग्राम प्रधान व सचिवों के लिए खड़ी हो रही है। जिन दुकानों से पक्का कार्य कराने के लिए उधारी पर सामान लिया है। पैसा न चुका पाने ही हालत में उन्हें जवाब देते नहीं बन रहा है। ऊपर से नया काम कराने का दबाव झेलना पड़ रहा है। अधूरे कामो को पूरा कराने की जिम्मेदारी अलग से माथे पर शिकन डाल रही है। इस संबंध में अपर आयुक्त श्रम रोजगार मनरेगा शेर बहादुर ने कहा कि जल्द ही बजट मिलने के बाद सभी का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर करा दिया जाएगा।