दुनिया के नक्शे से गायब हो जाएगा सिंगापुर-एलन मस्क
दुनिया के कई देश आज घटती जनसंख्या की समस्या से परेशान हैं. वहीं कई देश घटते प्रजनन दर (लो फर्टिलिटी रेट) की समस्या से जूझ रहे हैं. सिंगापुर की बात करें तो वहां की स्थिति बद से बदत्तर होती जा रही है. सिंगापुर में फर्टिलिटि रेट 0.97 पर पहुंच गया है. जबकि जनसंख्या संतुलन बनाए रखने के लिए 2.1 का फर्टिलिटि रेट जरूरी है.
सिंगापुर की इस समस्या को लेकर टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने ट्वीट किया है. मस्क ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सिंगापुर (और कई अन्य देश) खत्म हो रहा है. न्यूजवीक के अनुसार, सिंगापुर में बढ़ती बुजुर्गों की जनसंख्या, घटते श्रमिक और कम होते लेबर पावर की कारण फैक्ट्रियों से लेकर फूड डिस्ट्रीव्यूशन तक में रोबोट का इस्तेमाल किया जा रह है. 2023 तक सिंगापुर की 25 प्रतिशत की उम्र 65 साल से ज्यादा होगी.
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स के अनुसार, सिंगापुर में प्रत्येक 10 हजार कर्मचारियों पर रोबोट की संख्या 770 है. इस वजह से सिंगापुर में हर जगह रोबोकॉप, रोबो-क्लीनर, रोबो-वेटर और रोबो-डॉग की भरमार हो गई है.
उल्लेखनीय है कि 1970 के दशक तक दक्षिण कोरिया, जापान और चीन जैसे देशों में एक महिला के औसतन पांच से ज्यादा बच्चे होते थे. वहीं, अब इन देशों में एक महिला पर औसतन एक बच्चा भी नहीं है. पिछले 50 सालों में पूरी दुनिया की फर्टिलिटि रेट में 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.
दिलचस्प बात है कि साउथ कोरिया ने महिलाओं को अधिक बच्चों को जन्म देने के लिए कैश इनाम की स्कीम की शुरुआत की है. सरकारी योजना के अनुसार, 2022 के बाद से साउथ कोरिया में बच्चा पैदा करने वाली महिला को बच्चे की डिलीवरी से पहले के पूरे खर्च के लिए 1850 अमेरिकी डॉलर (1,57,000 भारतीय रुपये) का कैश बोनस मिलती है.
किसी भी देश, समाज और समूह की एक महिला अपने जीवन में औसतन कितने बच्चों की मां बनती है. इसे ही उस देश, समाज और समूह फर्टिलिटी रेट या प्रजनन दर कहते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर भारत की एक महिला अपने पूरे जीवन में औसतन तीन बच्चों को जन्म देती है तो भारत का प्रजनन दर 3 होगा.