बाराबंकीः वेदी पूजन मंत्रोच्चारण व कलश यात्रा के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारम्भ
विधान केसरी समाचार
जैदपुर/बाराबंकी। मसौली चैराहा पर शुक्रवार से शुरु हो रही 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ बाल व्यास परम्पूज्य श्री श्री 108 श्री शशिकान्त महराज बनारस द्वारा कलश यात्रा एवं वेदी पूजन मंत्रोच्चारण के साथ हुआ कथा आयोजन परिसर से शुरू हुई कलश यात्रा कल्याणी नदी स्थित पड़रिया घाट से पानी लेकर वापस आकर परिसर में पहुंचकर कलश की स्थापना की ।
कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु पीत वस्त्र पहन कर व सिर पर कलश धारण कर शामिल हुई। इससे पूर्व कथा स्थल पर हवन पूजन किया गया। कथा का शुभारंभ करते हुए कथावाचक बाल व्यास परम्पूज्य श्री श्री 108 श्री शशिकान्त महराज बनारस ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा, ऐसी कथा है, जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है।
उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें।
कथा के प्रथम दिन कथावाचक बाल व्यास परम्पूज्य श्री श्री 108 श्री शशिकान्त महराज बनारस ने कहा कि कलयुग में भागवत भागवान की महिमा व संकीर्तन के महत्व का उल्लेख किया। इसके उपरांत भागवत भक्त गोकर्ण व उसके भाई अधर्मी धुंधकारी के प्रसंग पर व्याख्यान दिया। धुंधकारी के गलत कार्यो में संलिप्त होने के कारण उसकी हत्या हो गई और अकाल मृत्यु होने के कारण वह प्रेत योनि में चला गया। भाई गोकर्ण ने प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए सूर्य भगवान के बताए सूत्र पर श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया और भाई धुंधकारी को कथा सुनाई, जिसके श्रवण से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली। इससे स्पष्ट होता है कि कर्म, धर्म मनुष्य को संयमित और वेद रीति नीति से करना चाहिए। साथ ही भाई से रंजिश नहीं रखना चाहिए, क्योंकि आखिर में भाई ही भाई के काम आता है।
इस मौके पर कथा आयोजक दम्पति श्रीमती मीरा देवी, राम् किशोर, राजकुमार, दिलीप कुमार, धर्मेंद्र कुमार, संजय कुमार, अजय कुमार, आयुष , महेंद्र कुमार, गुड्डू सहित तमाम भक्तगण मौजूद रहे।