मीरगंज: किसान की कैसे हो दो गुना आमदनी, जब खेत की हरियाली चट करते जा रहे आवारा गौवंश, जिम्मेदार बेखबर

0

विधान केसरी समाचार

मीरगंज। जब फसल उगने के साथ ही खेती की हरियाली क्षेत्र में विचरण कर रहे आवारा छुटटा घूम रहे गौवंश चट कर रहे हैं तो ऐसे में किसान की आमदनी दो गुनी करना सरकार के सपने के समान ही लगती दिख रही है। ऐसे में किसान लगातार बर्बादी के कगार पर है। और किसान बर्बाद हो भी क्यों न, जब विकास खण्ड और तहसील कार्यालय से लेकर तमाम कुर्सियों पर बैठे जिम्मेदार मौनी साधे हुए हैं। ऐसे में किसान चाहे कितना भी बर्बाद होता रहे लेकिन जिम्मेदारों को सिफ महीने में मिलने वाली सरकारी पगार तक रहती है। जबकि प्रदेश की सरकार ने जंगलों में विचरण करने वाले आवारा छुटटा पशुओं के भरण पोषण हेतु विकास खण्डों की लगभग प्रत्येक न्याय पंचायत में सरकारी लाखों रूपयों की लागत से पशुशालाओं का निर्माण करा दिया है और नगर पंचायतों से लेकर नगर निगम व नगर पालिकाओं में भी कान्हा गौशाओं का निर्माण हो चुका है। तब ऐसी हालत में खेती उजड़ती जा रही है और वेचारे गौवंश सड़कों आदि पर विचरण कर रहे हैं। यहां तक कि आवार पशुओं के हाइवे एवं लिंक मार्गों पर बैठने के कारण तमाम दुर्घटनाएं होना भी आम बात हो गयी है। इसके बाबजूद भी जिम्मेदार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। बस इतना है कि जब आला अफसर इस मामले पर कुछ कड़ा रूख अपनाते हैं तो एकाध दिन के लिए गौवंश पकड़कर गौशालाओं में लाने हेतु अभियान तेजी पर रहता है और फिर ठंडे वस्ते में चला जाता है।

बात मीरगंज विकास खण्ड की करते हैं तो इस विकास खण्ड में 09 न्याय पंचायतें हैं। जिनमें से तीन न्याय पंचायतों को छोड़कर तकरीबन 06 न्याय पंचायतों में गांव चुरई दलपतपुर, सैजना, नौसना, बहरोली, कपूरपुर, जुन्हाई में लाखों रूपयों की लागत से गौवंश के संरंक्षण हेतु सरकार ने गौशालाओं का निर्माण करा दिया है। इसके अलावा मीरगंज नगर पंचायत में भी कान्हा गौशाला भी संचालित है। इसके बाबजूद आप जगह जगह कस्बे एवं देहात के जंगलों में खेतों में खड़ी फसलों के बीच झुण्ड के रूप में गौवंश को विचरण करते हुए और खेतों की हरियाली को चुगते हुए देख सकते हैं। इतना ही नहीं अपनी फसलों की रखवाली करने हेतु किसान इस कड़ाके की ठंड में रात भर खेतों पर जागते रहते हैं। वर्तमान में गेहूं , मसूर और चना, सरसों आदि की तकरीबन बोआई किसान कर चुका है। और खेतों में लाही व सरसों आदि की फसलें लहलहा रही हैं और गेहूं व मसूर और चना आदि की दलहनी फसलें भी लहलहाना शुरू हो गयी हैं जिन्हें गौवंश चट कर जा रहे हैं तो फिर किसान के सामने फसलों की रखवाली करने की भी बड़ी चुनौती है। फिर भी जानते हुए भी जिम्मेदार कोई सुध नहीं ले रहे हैं। और किसान बर्बाद होता चला जा रहा है। इसके अलावा इस समय गन्ने की फसल की कटाई हो रही है और उसमें से अंकुरित होकर कल्ले निकल रहे हैं। जिन्हें पशु चट कर जा रहे हैं।