लखीमपुर खीरी: एसपी गणेश प्रसाद साहा को अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन, अधिवक्ताओं ने कहा- लाइन हाजिर करना मजाक, पिता और दो बेटों की आत्महत्या का मामला

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विधान केसरी समाचार

लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी में थाना मैलानी के गांव बाबूपुर में रामनरेश और उनके दो बेटों ने अपने ही रिश्तेदार महिला सिपाही आरती निगम और उसके परिजनों के उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठते हुए, अधिवक्ताओं ने सोमवार को एसपी से मिलकर दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार शुक्ला ने आरोप लगाया कि महिला सिपाही आरती निगम और उसके परिवार के उत्पीड़न के साथ-साथ स्थानीय पुलिसकर्मियों का भी इसमें उतना ही हाथ था। उन्होंने कहा, ष्यह कहना कि चैकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया और सिपाही अजय पांडेय को निलंबित कर दिया गया, यह सिर्फ एक क्रूर मजाक है। यह नाकाफी है, पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

इस मामले में अधिवक्ता महासंघ के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सूर्यवंशी ने भी अपनी आवाज उठाई। उन्होंने कहा, अगर दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं की जाती, तो अधिवक्ता समाज चुप नहीं रहेगा। पुलिस अत्याचार के खिलाफ हम सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष करेंगे।

अधिवक्ताओं ने एसपी गणेश प्रसाद से उनके कार्यालय पर मुलाकात की और इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ गिरफ्तारी की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।एसपी द्वारा मामले की जांच चल रही है, लेकिन पुलिस और प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। यह घटना जिले में पुलिस उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी सवाल उठाती है, और पुलिस की भूमिका पर गंभीर जांच की आवश्यकता महसूस हो रही है।