प्रतापगढः अनैतिक धन संग्रह से होता है असहनीय कष्ट – आचार्य गिरीशचंद्र मिश्र
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लालगंज/प्रतापगढ़। विकासखण्ड लक्ष्मणपुर अन्तर्गत नन्दू का पुरवा मिश्रपुर गांव में चल रही संगीतमयी श्रीमदभागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड उमड रही है। श्रीमदभागवत कथा के चैथे दिन सोमवार को कथाव्यास आचार्य पं. गिरीशचंद्र मिश्र ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। कथाव्यास ने कहा कि जब जब धरती पर पाप, अनाचार की पराकाष्ठा होती है तो भगवान श्रीहरि विष्णु अवतार लेते हैं। उन्होनें कहा कि कंस के पापों का घड़ा भर जाने पर भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लेकर कंस का अन्त किया। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर निकाली गयी भव्य झांकी को देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे।
वहीं नंद घर जन्मे कन्हैया, श्याम तेरी बंशी पुकारे राधा नाम जैसे सुमधुर भजनों पर श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में झूमते दिखे। कथा आचार्य पं. गिरीशचंद्र मिश्र ने कहा कि माया मोह में फंसकर मनुष्य अनीतिपूर्ण तरीके से धन कमाता है लेकिन इसका दुखद परिणाम उसे भोगना पड़ता है। दुख के कारण को समझाते हुए कथा आचार्य ने बताया कि समय, कर्म और स्वभाव दुख के तीन प्रमुख कारण है। कथा के मुख्य आयोजक आशा तिवारी, शान्ती तिवारी, रामकुमार तिवारी ने रोली चंदन अक्षत से व्यासपीठ का पूजन किया। संयोजक शिवकुमार तिवारी व विनोद तिवारी ने प्रसाद वितरण किया। प्रमोद तिवारी ने श्रद्धालुओं के प्रति आभार जताया। इस मौके पर आचार्य करूणेश, ज्ञानेन्द्र तिवारी, बृजेश नारायण, बालेन्द्र ओझा, राजकुमार दुबे, आशीष तिवारी, अनिल तिवारी आदि मौजूद रहे।