प्रतापगढः डॉ. आम्बेडकर के अपमान के लिए क्षमायाचना के साथ फौरन इस्तीफा दें गृहमंत्री- प्रमोद तिवारी
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लालगंज/प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के अपमान को लेकर उनसे फौरन देश से सार्वजनिक तौर पर क्षमायाचना और त्याग पत्र की मांग की है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में डॉ. आम्बेडकर के प्रति पूर्वाग्रह एवं अपमान का पूरी तरह से अनैतिक प्रदर्शन किया है।
उन्होनें कहा कि गृह मंत्री का भाषण संसद की कार्रवाई के रिकार्ड पर है ऐसे में देश जानना चाहेगा कि डॉ. आम्बेडकर के प्रति अपमान प्रदर्शित करने के बावजूद गृह मंत्री अभी तक अपने पद पर कैसे बनें हुए हैं। उन्होने पीएम पर निशाना साधा कि वह संवैधानिक संस्थाओ को लगातार कमजोर बना रहे हैं। उन्होने कहा कि संविधान और इसके निर्माताओं के अपमान पर विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए मोदी सरकार हर जगह तथा हर फोरम पर भय व दहशत का माहौल बनाया करती है। राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि भाजपा को लोकतांत्रिक मूल्यों मे विश्वास नही रह गया है। उन्होने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा संसद मे भी अंदर तथा बाहर संसदीय परम्पराओं व स्वस्थ लोकतंत्र पर आघात पहुंचाने से बाज नही आ रही है। उन्होनें कहा कि भाजपा का चार सौ पार के संसद में बहुमत लेने का एजेण्डा भी वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर पर्दाफाश हो उठा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा संविधान संशोधन के जरिए अपने खतरनाक मंसूबे के तहत वन नेशन वन इलेक्शन की जगह वन नेशन वन लीडर का रख रही है।
उन्होने कहा कि संसद के किसी भी सदन में संविधान संशोधन के लिए बहुमत न होने के बावजूद उसका यह शिगूफा देश की जनता का मुददो से ध्यान हटाने का गैरजिम्मेदाराना पन है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा सिर्फ नेहरू फोबिया के अवसाद में राष्ट्रीय हितों के प्रति बेपरवाह बने हुए है। उन्होने कहा कि मोदी सरकार में चैपट हो रही अर्थव्यवस्था के चलते डॉलर के मुकाबले रूपये का रोज कमजोर पड़ना आम आदमी पर मंहगाई की तेज मार साबित हो रही है। यूपी में धार्मिक स्थलों के सर्वे को लेकर प्रतिक्रिया में राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सरकार को सुझाव दिया कि वह केन्द्र स्तर पर एक अलग मंत्रालय का सृजन करे। उन्होने कहा कि देश भर में देखभाल के अभाव में मंदिरो और मस्जिदो तथा गुरूद्वारों को चिन्हित कर सरकार ऐसे मंत्रालय के जरिए सरकारी खर्च पर इनके संरक्षण व रखरखाव का दायित्व निभाये। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी का बयान गुरूवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।