सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन के मजबूत समर्थन की वजह से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लोकसभा पहुंच पाए-ए विजयराघवन

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लोकसभा चुनाव के बाद से इंडिया गंठबंधन में नेतृत्व की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है. एक तरफ जहां टीएमसी चीफ ममता बनर्जी इस गठबंधन का नेतृत्व करने का दावा ठोंक रही हैं तो वहीं अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता ए विजयराघवन ने कांग्रेस को मुस्लिम संगठनों से जोड़ते हुए कई पर आरोप लगाए हैं.

सीपीआई (एम) के नेता ए विजयराघवन ने शनिवार (21 दिसंबर 2024) को आरोप लगाया कि वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी की जीत के पीछे सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन था. वायनाड जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीपीआई (एम) नेता ने कहा, “वायनाड से दो (राहुल गांधी और प्रियंका गांधी) व्यक्ति गए हैं. सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन के मजबूत समर्थन से वे लोकसभा जा पाए. क्या उनके समर्थन के बिना राहुल गांधी को दिल्ली पहुंचना संभव था? अब वे विपक्ष के नेता हैं.”

ए विजयराघवन ने कहा, “प्रियंका गांधी के जुलूसों की अगली और पिछली पंक्तियों में कौन थे? अल्पसंख्यकों में सबसे खराब चरमपंथी उनके जुलूसों में थे. वे लोग कांग्रेस नेतृत्व के साथ थे.” सीपीआई (एम) ने इस साल अप्रैल में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम और फिलिस्तीन के मुद्दों को उजागर करके केरल में मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने की कोशिश की थी, लेकिन चुनाव के नतीजों में हिंदू मतदाताओं ने सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले एलडीएफ का साथ छोड़ दिया. तब से सीपीआई(एम) हिंदू वोटों को जीतने की कोशिश कर रही है.

हाल ही पलक्कड़, चेलाक्कारा विधानसभा सीटों और वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव का जिक्र करते हुए सीपीआई (एम) ने मुस्लिम राजनीतिक संगठनों पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आईयूएमएल के राज्य अध्यक्ष सादिक अली शिहाब थंगल को जमात-ए-इस्लामी का कार्यकर्ता करार देते हुए कहा कि जमात-ए-इस्लामी, इस्लामी शासन के लिए खड़ी है और चरमपंथी ग्रुप इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग में प्रभाव हासिल करने की कोशिश कर रहा है. आईयूएमएल केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट का हिस्सा है और राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा है.