राहुल गांधी को बरेली कोर्ट ने पेश होने का दिया आदेश, 7 जनवरी को होगी सुनवाई
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी अक्सर अपने बयान के चलते सुर्खियों में रहते हैं। अब वही बयान उनपर भारी पड़ रहा है। बरेली जिले की एक अदालत ने उन्हें आर्थिक सर्वेक्षण संबंधी बयान को लेकर नोटिस जारी किया है। राहुल गांधी को सात जनवरी को पेश होने के लिए कहा है। एक अधिवक्ता ने यह जानकारी दी। अधिवक्ता वीरेन्द्र पाल गुप्ता ने बताया कि बरेली जिला एवं सत्र न्यायालय ने बयान को लेकर शनिवार को गांधी को नोटिस जारी किया और सुनवाई के लिए सात जनवरी 2025 की तारीख तय की।
बरेली के सुभाषनगर के निवासी और अखिल भारतीय हिंदू महासंघ के मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक ने अधिवक्ताओं गुप्ता और अनिल द्विवेदी के जरिए राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सांसद-विधायक अदालत (एमपीएमएलए कोर्ट) में याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने 27 अगस्त को निरस्त कर दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की गई।
राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार आई तो हम आर्थिक सर्वेक्षण कराएंगे । इस सर्वे के आधार पर संपत्ति का बंटवारा होगा। जिसकी भागीदारी अधिक होगी अगर उसकी संपत्ति कम है को कम आबादी जिसकी संपत्ति ज्यादा उससे लेकर कम संपत्ति वालों को दी जाएगी। राहुल के इस बयान का काफी विरोध हो रहा था।
राहुल गांधी संसद में हुई धक्का मुक्की के मामले में भी घिर गए हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। संसद परिसर में बृहस्पतिवार को विपक्ष और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की के बाद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे।
दरअसल, संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर बृहस्पतिवार को संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान विपक्ष और राजग सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की में पूर्व मंत्री प्रतापचंद्र सारंगी और लोकसभा सदस्य मुकेश राजपूत घायल हो गए। भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ पुलिस को एक शिकायत देकर उन पर संसद परिसर में ‘‘धक्का-मुक्की’’ के दौरान ‘‘शारीरिक हमला और उकसावे’’ में शामिल होने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी के खिलाफ संसद मार्ग थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 117 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का कार्य), 131 (आपराधिक बल प्रयोग), 351 (आपराधिक धमकी) और 3(5) (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।