लखनऊः टाइगर ने जंगल में सांड का किया शिकार, मीठे नगर के जंगल में सांड को मारा

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विधान केसरी समाचार

लखनऊ। लखनऊ के काकोरी व दुबग्गा वन रेंज क्षेत्र के अंतर्गत रहमान खेड़ा व उसके आसपास के इलाकों में टाइगर की दहशत से ग्रामीणों व राहगीरों में दहशत बनी रहती है। टाइगर वन विभाग के लिए चुनौती बन गया हैं। बता दे कि मीठे नगर गांव के पास जंगल में एक सांड का टाइगर ने शिकार कर लिया जिसका सौगंध विभाग को मीठे नगर के जंगल में मिला है, सांड के शरीर पर हमले का बड़ा घाव मिला है। वहीं डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि बाघ ने ही सांड को मारा है, लेकिन खा नहीं पाया है, माना जा रहा है कि सड़क किनारे होने की वजह से टाइगर सांड को खा नहीं पाया और पहले 12 दिसंबर को कटौली गांव में नीलगाय का शिकार किया था। सूत्रों की माने तो 20 दिन से 3 रेंज की 25 लोगों की टीम टाइगर के पीछे-पीछे घूम रही है। दो दिन पहले शुक्रवार को टाइगर कैमरे में ट्रैप हुआ था, 3 किमी क्षेत्र में फैले रहमान खेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फॉर्म में टाइगर ने डेरा डाल रखा है और काकोरी ब्लॉक के 20 किलोमीटर एरिया के लगभग दस गांवों के लोग दहशत में जिंदगी जीने को मजबूर हैं। वहीं टाइगर की निगरानी के लिए वन विभाग ने केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के चैथे ब्लॉक में मचान बनाया है। वहीं डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि वॉच टावर पर शाम में 4 से 9 बजे तक और सुबह 4 से 6 बजे तक वन विभाग की टीम पशु चिकित्सक नासिर के साथ रुकेगी और टाइगर (बाघ) को ट्रैप करने के लिए कानपुर और लखनऊ के प्राणि उद्यान के वेटनरी डॉक्टरों को भी बुलाया गया है, वन विभाग ने बेहता नाला और कटौली गांव की तरफ पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है, शनिवार को ग्रामीणों ने सूचना दी कि बेहता नाले की तरफ बाघ का मूवमेंट है। नाले के बाईं तरफ पैरों के निशान मिले हैं, वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो पग मार्क किसी दूसरे जानवर के थे, थर्मल ड्रोन से देखा तो सियार होने की पुष्टि हुई। वहीं वन विभाग की पांच टीमें टाइगर को पकड़ने की कोशिश में लगी हुई है,कर्मचारी लाठी-डंडे, सुतली और बुलेट बम के सहारे कॉम्बिंग कर रहे हैं, मूवमेंट कैप्चर करने के लिए 15 ट्रैप कैमरे और दो कैटिंच केज लगाए गए हैं।