रूद्रपुर: फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे चुनावी लड़ने की तैयारी

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विधान केसरी समाचार

रूद्रपुर। निकाय चुनाव का बिगुल बचते ही राजनैतिक सरगर्मियां एकाएक तेज हो गयी हैं। चुनावी दंगल में कूदने की तैयारी कर रहे दावेदार जहां टिकट के जोर आजमाईश कर रहे हैं वहीं आरक्षित वार्डों में कई दावेदारों के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं होने से उनकी दावेदारी पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे कई दावेदार फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
बता दें निकाय चुनाव में शहर के कई कुछ वार्डों का अनुसूचित जाति, ओबीसी के आरक्षित किया गया हैं। इन सीटों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के लिए शासनादेश के अनुसार जाति प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। शहर कई बस्तियां ऐसी हैं जहां बड़ी संख्या में लोग यूपी से आकर बस गये हैं, सरकार द्वारा दिये जाने वाले आरक्षण का लाभ उठाने के लिए कई लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे जाति प्रमाण पत्र बनाकर बैठे हैं। अब कई लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के सहारे चुनावी दंगल में कूदने की भी तैयारी कर रहे हैं। खासकर ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र की बात करें तो यहां अधिकांश लोग 2010 के बाद आकर बसे है। जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए 40 साल का रिकार्ड मांगा जाता है, ऐसे में जो लोग 2010 के बाद यहां आकर बसे हैं उनका जाति प्रमाण पत्र किस आधार पर बना है यह बड़ा सवाल है। ओबीसी जाति प्रमाण पत्र की बात करें तो सरकार के नियमानुसार तीन साल में ओबीसी प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया जाता है उसके बाद इसका नवीनीकरण कराना अनिवार्य है, और नवीनीकरण के लिए सभी दस्तावेज दुबारा पेश किये जाते हैं। बताया जाता है कि तमाम लोग नवीनीकरण करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर रहे हैं और उसके सहारे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। नामांकन कराने वाले प्रत्याशियों के जाति प्रमाण पत्रों की अगर बारीकी से जांच की जाये तो कई प्रत्याशी अयोग्य घोषित हो सकते हैं। इधर इस मामले को लेकर कुछ संगठन प्रशासन को ज्ञापन देकर प्रमाण पत्रों की जांच की मांग करने की तैयारी कर रहे हैं।।