प्रयागराजः साहिबजादों के अदम्य साहस और बलिदान को किया गया नमन

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विधान केसरी समाचार

प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रयागराज विभाग द्वारा गुरुवार को संघ कार्यालय आनंदा आश्रम में वीर बाल दिवस पर संगोष्ठी आयोजित हुई। कार्यक्रम में गुरु गोबिंद सिंह के वीर पुत्रों साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के महान बलिदान को श्रद्धा और सम्मान के साथ स्मरण किया गया। दक्षिण भाग के सह संघचालक मिल्कियत सिंह बाजवा ने बताया कि हर वर्ष 26 दिसंबर को साहिबजादों के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सिख इतिहास और भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है। इस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह के दो छोटे पुत्रों साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। जिन्होंने नन्ही उम्र में धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। गुरु गोबिंद सिंह जो सिखों के दसवें गुरु थे उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके परिवार का बलिदान आज भी भारतीय इतिहास में त्याग निष्ठा और वीरता का अनुपम उदाहरण है। उनके छोटे साहिबजादों ने मुगल शासकों के सामने झुकने से इनकार कर दिया और अत्याचार के विरुद्ध डटकर खड़े रहे। मुगल साम्राज्य के दौर में गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्र जिन्हें चार साहिबजादे के नाम से जाना जाता है धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देकर अमर हो गए। साहिबजादा अजीत सिंह साहिबजादा जुझार सिंह साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह चारों वीरों ने खालसा पंथ के सिद्धांतों का पालन करते हुए सिख समुदाय की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

1699 में गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की। जिसका उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता और मानव अधिकारों की रक्षा करना था। उनके चारों साहिबजादे बाल्यकाल में ही धर्म और कर्तव्य के प्रति समर्पित थे। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह ने मात्र नौ और छह वर्ष की आयु में अमानवीय मुगल शासकों के सामने झुकने से मना कर दिया और कहा हम शेर के बच्चे है। हम तुमसे डरते नहीं है और मुगलों ने जीवित ही दोनों बालकों को दीवार में चुनवा दिया पर वह धर्मातर के लिए तैयार नहीं हुए। साहिबजादों के बलिदान को सम्मानित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। यह दिवस हमें न केवल साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान की याद दिलाता है। बल्कि हमारे बच्चों और युवाओं को साहस निष्ठा और कर्तव्यपरायणता की प्रेरणा भी देता है। वीर बाल दिवस न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का दिन है। यह दिवस हमें धर्म सत्य और न्याय की रक्षा के लिए अडिग रहने की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम में साहिबजादों के जीवन और बलिदान पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने उनके सिद्धांतों से प्रेरणा लेने और उनकी गाथा को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने का आह्वान किया। वीर बाल दिवस धर्म और सत्य के प्रति अडिग रहने की प्रेरणा देता है। साहिबजादों का बलिदान युगों युगों तक अमर रहेगा। कार्यक्रम में प्रयागराज विभाग के विभाग प्रचारक आदित्य मुख्य स्थाई अधिवक्ता शीतला प्रसाद गौड़

विभाग कार्यवाह डॉ संजय सह विभाग कार्यवाह  आशीष मोहन दक्षिण भाग सह संघचालक मिल्कियत सिंह बाजवा दक्षिण भाग कार्यवाह मनोज दक्षिण भाग प्रचारक देवदत्त शरद गुप्त  आदि शामिल रहे।