अमेठीः एआरटीओ प्रशासन पर लागू नहीं होता शासन का आदेश
- तबादले के बाद भी महत्वपूर्ण पटल संभाल रहे बाबू को नहीं किया जा रहा कार्यमुक्त
- एआरटीओ विभाग में बाहरी लोगों को कैश काउंटर से लेकर बैंक में जमा करने तक की दी गई है जिम्मेदारी
विधान केसरी समाचार
अमेठी। सरकारी विभाग में बाहरी व्यक्तियों से कोई कार्य न लेने के लिए शासन ने आदेश जारी किया है। जिसका असर एआरटीओ विभाग पर नहीं पड़ रहा है। वहीं महत्वपूर्ण पटल की जिम्मेदारी संभाल रहे बाबू का तबादला कई माह पहले होने के बाद भी कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। विभाग में कैश काउंटर से लेकर बैंक में पैसा जमा करने का काम भी बाहरी लोगों से लिया जा रहा है। गत वर्ष 28 अगस्त 2023 को आयुक्त एवं राजस्व परिषद ने पत्र जारी कर सरकारी विभागों में बाहरी लोगों से कार्य न लेने के लिए पत्र भेजकर निर्देशित किया है। इसके बाद भी सूत्रों की माने तो उपसंभागीय परिवहन विभाग में लाइसेंस पटल पर तीन, ट्रांसपोर्ट में तीन, पंजीकरण में दो,स्टोर में दो, एआरटीओ के पास एक, स्कूटनी पटल पर एक व कैश काउंटर पर एक और बैंक में कैश जमा करने के लिए एक बाहरी लोगों सहित एक दर्जन से अधिक लोगों से काम लिया जा रहा है।
इतना ही नहीं एआरटीओ प्रशासन की सहमति से काउंटर नंबर एक से 10 तक बाहरी लोग संभाल रहे हैं। इसके अलावा एआरटीओ कार्यालय में कार्यरत कर्मी जय प्रकाश का तबादला कई माह पहले हरदोई जनपद के लिए हो गया है। उनके स्थान पर सुलतानपुर जिले से शिवम गौतम को भेजा गया, लेकिन योगदान देने के बाद लाइसेंस पटल की जिम्मेदारी न मिलने पर वे मेडिकल छुट्टी पर चले गए हैं। जबकि परिवहन आयुक्त ने 5 अगस्त 2024 को पत्र भेजकर कार्यमुक्त करने का आदेश दिया था। इस पर नारायण पांडेय को बुलंदशहर के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया। इसके बाद अपर परिवहन आयुक्त चित्रलेखा सिंह ने बीते 17 सितंबर 2024 को फिर पत्र भेजकर स्थानांतरित कर्मचारियों को कार्यमुक्त न करने व आदेश का पालन न करने पर संबंधित के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की चेतावनी दिया है। वहीं कार्यमुक्त न करने वाले उत्तरदायी अधिकारी को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति करने की चेतावनी दी है। इसके बाद भी सभी आदेश एआरटीओ प्रशासन के लिए बेमानी साबित हो रहा है। जबकि स्थानांतरित बाबू जय प्रकाश के पास लर्निंग लाइसेंस, नियमित, नवीनीकरण व भारी वाहन चालकों के लाइसेंस के पटल का जिम्मा है। हलांकि पूरे प्रदेश में एआरटीओ विभाग के 54 कर्मचारियों का तबादला किया गया था। इस संबंध में एआरटीओ प्रशासन सर्वेश कुमार सिंह ने कहा कि वरिष्ठ लिपिकों की मांग की गई है। एक लिपिक आया था, वह मेडिकल अवकाश पर है।