लखीमपुर खीरी: कलेक्ट्रेट की 10 किमी परिधि को जोन ऑफ एक्सीलेंस बनाने की तैयारी, डीएम-एसपी ने ली बैठक, दिए निर्देश

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विधान केसरी समाचार

लखीमपुर खीरी। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट की 10 किमी परिधि में जोन ऑफ एक्सीलेंस बनाने का खाका खींचा गया। गुरुवार को डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी संकल्प शर्मा ने सड़क सुरक्षा से जुड़े अफसरो के साथ बैठक की, इसमें विभागों के उत्तरदायित्व निर्धारित करने के साथ ही इसे जमीन पर उतारने के लिए पूरी रूपरेखा और रणनीति  तय की गई।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि जिले में नवाचार के तहत कलेक्ट्रेट को केंद्र मानकर 10 किमी की परिधि में जोन ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया जाएगा। इसमें सड़क सुरक्षा से संबंधित स्टेकहोल्डर समन्वित प्रयास करते हुए एक एकीकृत कार्यक्रम के तहत इस जोन ऑफ एक्सीलेंस में किसी प्रकार की सड़क दुर्घटना में मृत्यु को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस जोन में दो एनएच, दो स्टेट हाईवे, चार प्रमुख जिला मार्ग और अन्य जिला मार्ग सहित शहरी क्षेत्र के मार्ग भी शामिल हैं। गाइडलाइन के अनुसार इंजीनियरिंग, जागरूकता, प्रवर्तन के साथ-साथ आकस्मिक चिकित्सा को व्यवस्थित किया जाएगा, जिससे जीरो मृत्यु दर के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

एसपी संकल्प शर्मा ने सभी संबंधित विभागों से जून का एक्सीलेंस में पड़ने वाले सड़क मार्गों पर अतिक्रमण हटाने, ओवर स्पीड पर अंकुश लगाने, हेलमेट ड्राइविंग, ड्रिंक एंड ड्राइव की चेकिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अपने महत्वपूर्ण और सारगर्भित विचार व्यक्त किए।

बैठक की शुरुआत में अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड 3 अनिल कुमार यादव ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए जोन ऑफ एक्सीलेंस की प्लानिंग, रणनीति को रेखांकित किया। नक्शे पर इस क्षेत्र में गुजरने वाले सड़क मार्गों को रेखांकित करते हुए इनमें सड़क दुर्घटनाओं को न्यून करने पर प्रेजेंटेशन दिया।

एडीएम संजय कुमार सिंह ने कहा कि जिले में डीएम की पहल सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मृत्यु दर को शून्य करने में मील का पत्थर साबित होगा। इसके लिए जन जागरूकता एवं जन सहभागिता पर भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में एआरटीओ अखिलेश कुमार द्विवेदी, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग  तरुणेन्द्र त्रिपाठी, केके झा, अनिल कुमार यादव, डिप्टी सीएमओ डॉ धनी राम, माध्यमिक, बेसिक शिक्षा, रोडवेज सहित सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विभाग मौजूद रहे।