सोनभद्र ब्यूरो
एक तरफ जिले में आशा सम्मेलन के जरिये ज्ञान बाटा जा रहा था कि जच्चा बच्चा मृतु दर कम हो रहा है।
लेकिन हॉस्पिटल बन्द होने के बाद कैसे चालू हुआ और इसका संरक्षण दाता कौन है?
मनरुटोला सागोबाध का रहने वाला गीता देवी का प्रशव कराया गया था जिसमे आशा के माध्यम से लाया गया था।
अब देखना है कि सीएमओ द्वारा आशा व हॉस्पिटल पर क्या कार्यवाही होती है।
कार्य प्रणाली पर उठा सवाल अब देखना है कि विभागीय क्या कार्रवाई की जाएगी।
जिले में आशा निजी हॉस्पिटलों में लेजाकर अपना मोटी कमीशन 40 से 50 परसेंट लेती है।