लखनऊ: विश्व कैंसर दिवस पर विशेष: कैंसर की जल्द पहचान, बचा सकती है जान- कैंसर रोग विशेषज्ञ
विधान केसरी समाचार
लखनऊ। कैंसर, शरीर में कोशिकाओं के अनियंत्रित तरीके से बढ़ने के कारण होता है कैंसर किसी को भी हो सकता है भारत में फेफड़ों का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, स्तन कैंसर, मुख का कैंसर और पेट का कैंसर देखने को मिलते हैं द्यइसी क्रम में बलरामपुर जिला अस्पताल के परामर्शदाता और कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.आर.के.चैधरी बताते हैं कि कैंसर होने का मुख्य कारण बदलती हुयी जीवन शैली, खाने की गलत आदतें, शराब का सेवन, तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों का उपयोग तथा शरीरिक क्रियाशीलता का कम होना द्य सभी प्रकार के कैंसर में मुख कैंसर ज्यादा देखने को मिलता है द्य तम्बाकू से होने वाला कैंसर 40 से 50 फीसद पुरुषों में और 20 फीसद महिलाओं में कैंसर के लिए जिम्मेदार है द्य तम्बाकू से होने वाला कैंसर पुरुषों में होने वाले सभी कैंसर का 35 से 50 फीसद और महिलाओं में 17 फीसद होता है ।
सभी प्रकार के कैंसर का इलाज संभव है द्य कैंसर का समय से पहचान और इलाज होने पर जिंदगी बचायी जा सकती है द्य इसके लिए जरूरी है कि स्वयं ही अपने शरीर की जाँच करें और कुछ भी असमान्य दिखे तो चिकित्सक से सम्पर्क करें द्य मुख का कैंसर के प्रमुख लक्षणों में जो लोग सिगरेट, सिगार, शराब और हुक्का पीते हैं द्य इसके साथ ही तम्बाकू सूंघने, चबाने वाले लोगों को सामान्य लोगों की अपेक्षा मुख के कैंसर होने की सम्भावना 50 फीसद होती है द्य इसके अलावा कुल होने वाले मुख के कैंसर में 23 फीसद कैंसर एचपीवी के कारण होता है द्य अतः ओरल और मल्टीपल सेक्स से बचना चाहिए द्य मुख के कैंसर को पहचानने के लिए ,कैंसर की शुरुआत मुंह के अंदर छोटे-छोटे घाव से होती है द्य इसके अलावा मुंह से दुर्गन्ध आना, आवाज में बदलाव होना, निगलने में तकलीफ होना, मुंह में सूजन होना, लार के साथ खून आना, जलन होना, मुंह का पूरा न खुलना, मुंह में किसी स्थान पर सुन्नता होना, मुंह में दर्द होना आदि कैंसर के संकेत हैं द्य इसके साथ ही मुंह में कहीं भी गाँठ महसूस हो या मुंह के किसी हिस्से में रंग परिवर्तन हो तो देर न करें तुरंत चिकित्सक को दिखाएँ द्य जाँच में देरी पड़ सकती है भारी इसके साथ ही अन्य कैंसर के क्या लक्षण होते हैं इन्हें भी जाने । शरीर में तिल या मस्सा हो और वह तेजी से बढ़ने लगे तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी आना जो ठीक न हो द्य माहवारी के बंद हो जाने के बाद अचानक रक्तस्राव होना द्य माह में दो बार से अधिक और माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव होना द्यमांसाहारी लोगों का मन मांस खाने से हट जाना द्यमुंह, पेशाब और मलद्वार से खून आना द्यशरीर के किसी भाग में गांठ का होना और एक ही जगह पर स्थिर होना द्यऐसा घाव जो इलाज के बाद ठीक न होद्यकम आयु में यौन सम्बन्ध बनाने से ,बहुत अधिक तले भुने भोजन और नामक लगाकर संरक्षित किये हुए भोजन के सेवन से द्यकम प्राकृतिक रेशे वाले भोजन के सेवन से करने वाले लोग भी कैंसर की चपेट में आ सकते है स हर साल चार फरवरी को लोगों को कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस साल इस दिवस की थीम है यूनाईटेड बाई यूनिक।