तमिलनाडु के इस जिले में दो दिनों के लिए लगाया गया है कर्फ्यू

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थिरुपुरनकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित सिकंदर दरगाह पर पशु बलि की अनुमति देने की कुछ मुस्लिम समूहों की मांग के खिलाफ हिंदू मुन्नानी के विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले, मदुरै जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (सीआरपीसी की धारा 144) लागू कर दी है। इस धारा के तहत विरोध प्रदर्शनों और सार्वजनिक प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मदुरै जिला प्रशासन ने चार फरवरी को प्रदर्शन की घोषणा किये जाने के बाद थिरुपरनकुंद्रम और जिले के अन्य हिस्सों में दो दिनों तक के लिए निषेधाज्ञा लगा दी है। जिलाधिकारी एमएस संगीता ने कहा है कि तीन फरवरी सुबह छह बजे से पांच फरवरी की रात 12 बजे तक यानी दो दिनों के लिए निषेधाज्ञा लगायी गई है। ‘हिंदू मुन्नानी’  यानी हिंदू मोर्चा ने थिरुपरनकुंद्रम में मांसाहारी भोजन खाने वाले लोगों के एक वर्ग के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।

बता दें कि थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर भगवान सुब्रह्मण्य स्वामी का मंदिर है। पुलिस ने मंदिर के सामने प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है और थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी के चारों ओर सुरक्षा के लिए 300 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

थिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी तमिलनाडु में भगवान मुरुगा के छह निवासों में से एक है और प्रिवी काउंसिल के फैसले के अनुसार, यह भगवान सुब्रह्मण्य स्वामी के मंदिर के अंतर्गत आता है। हिंदुओं का मानना ​​है कि पहाड़ी पर खून की एक बूंद भी नहीं गिरनी चाहिए। रामनाथपुरम से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसद के नवास कानी के दौरे के बाद मामले ने एक और मोड़ ले लिया। उन्होंने कहा कि दरगाह वक्फ संपत्ति है और उन्होंने पहाड़ी पर मांसाहारी भोजन कर रहे लोगों के एक समूह की तस्वीरें भी पोस्ट कीं। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर के मुताबिक पके हुए मांसाहारी भोजन के सेवन पर कोई प्रतिबंध नहीं है.