आसाराम बापू पर डॉक्यूमेंट्री के लिए मिल रही धमकियों को लेकर डिस्कवरी की याचिका

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हाल ही में जारी डॉक्यूमेंट्री सीरीज ‘कल्ट आफ फीयर: आसाराम बापू’ को लेकर डिस्कवरी कम्युनिकेशंस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में कहा गया है कि 29 जनवरी को इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज के जारी होने के बाद से लगातार डिस्कवरी के अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकी मिल रही है. कुछ जगह पर उसके दफ्तरों के बाहर आसाराम बापू के समर्थकों की भीड़ भी जमा हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को सुनते हुए केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों को डिस्कवरी से जुड़े लोगों की सुरक्षा का निर्देश दिया.

डिस्कवरी कम्युनिकेशंस की याचिका में केंद्र सरकार के अलावा महाराष्ट्र, तेलंगाना, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु सरकारों को पक्ष बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि विवादित संत आसाराम बापू को लेकर डॉक्यूमेंट्री सीरीज जारी होने के बाद से डिस्कवरी से जुड़े लोगों को अलग-अलग तरीकों से धमकियां भी मिल रही हैं. डिस्कवरी के मुंबई दफ्तर के बाहर भीड़ के जमा होने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर कर्मचारियों को घर से ही काम करने के लिए कहा गया है.

डिस्कवरी ने कहा है कि उसने मुंबई, पुणे, गुरुग्राम, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु समेत कई जगहों पर पुलिस थानों में शिकायत देकर सुरक्षा का अनुरोध किया. कुछ जगहों पर पुलिस ने गंभीरता दिखाई, लेकिन कुछ जगहों पर जरूरत के मुताबिक पुलिस की सक्रियता नहीं दिखी. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह भी मांग की गई है कि जैसे उसने भीड़ की हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से जुड़े मामलों में देशव्यापी दिशानिर्देश बनाए थे. वैसा ही इस तरह के मामलों के लिए भी किया जाए.

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और के वी विश्वनाथन की बेंच के सामने डिस्कवरी कम्युनिकेशंस की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिनव मुखर्जी पेश हुए. बेंच ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद मामले में नोटिस जारी कर दिया. साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वह डिस्कवरी कम्युनिकेशंस की तरफ से दी गई शिकायतों पर उचित कार्रवाई करें और डिस्कवरी के दफ्तरों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. 4 मार्च को मामले की अगली सुनवाई होगी.