गोवा से सीधे महाकुंभ: सीएम प्रमोद सावंत ने प्रयागराज स्पेशल ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को पणजी के पास कर्माली रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं को प्रयागराज ले जाने वाली एक विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गोवा सरकार ने राज्य के श्रद्धालुओं को महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए प्रयागराज की मुफ्त यात्रा की सुविधा देने के लिए तीन विशेष ट्रेनों की घोषणा की है। सावंत ने करीब 1,000 श्रद्धालुओं को प्रयागराज ले जाने वाली पहली विशेष ट्रेन को कर्माली स्टेशन से रवाना किया।
इस दौरान सावंत ने बताया कि बाकी दो ट्रेन 13 और 21 फरवरी को गोवा से प्रयागराज के लिए रवाना होंगी। उन्होंने कहा कि मांग बढ़ने पर सरकार श्रद्धालुओं को प्रयागराज की मुफ्त यात्रा की सुविधा देने के लिए और ट्रेन चलाने पर विचार कर सकती है। सावंत ने बताया कि राज्य सरकार ट्रेन में यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं को भोजन भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को महाकुंभ में 24 घंटे बिताने का मौका मिलेगा, जिसके बाद उन्हें प्रयागराज से वापसी की ट्रेन लेनी होगी। गोवा में ये विशेष ट्रेन मुख्यमंत्री देव दर्शन योजना के तहत संचालित की जा रही हैं। 18 से 60 वर्ष की आयु के वे लोग, जिन्हें कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है, इस योजना के तहत निशुल्क तीर्थयात्रा कर सकते हैं।
सावंत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महाकुंभ जैसे ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु प्रयागराज जाने के लिए उत्सुक थे, इसलिए गोवा सरकार ने नि:शुल्क रेल यात्रा की सुविधा देने का निर्णय लिया।
यूपी के मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए सावंत ने कहा, ”सीएम योजी ने इतना बड़ा आयोजन किया है कि 40 करोड़ लोग महाकुंभ में जा रहे हैं। इतने सारे लोगों के लिए आयोजन करना, उतनी व्यवस्था करना कोई छोटी बात नहीं है, लेकिन बहुत अच्छी तरह से उन्होंने यह आयोजन किया। मैं गोवा के लोगों और सरकार की तरफ से उनको शुभकामनाएं देता हूं।
वहीं, पीएम मोदी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की सराहना करते हुए गोवा सीएम ने कहा, ”माननीय प्रधानमंत्री के विकास कार्यों को लेकर हमेशा बात चलती रहती है। अपनी जो विरासत है, उसे आने वाली पीढ़ी को बताना है और विकास 2047 के लिए करना है, इसीलिए ‘विरासत भी और विकास भी’ ये बात माननीय प्रधानमंत्री हमेशा बोलते हैं। वो सिर्फ बोलते नहीं हैं, करके भी दिखाते हैं, इसीलिए विरासत के साथ-साथ विकास जरूरी है।