लखनऊः कृषि महाविद्यालय में दो दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
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बक्शी का तालाब/लखनऊ। फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए बक्शी का तालाब स्थित चंद्र भानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं क्लीन एंड ग्रीन एनवायरमेंट सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान कार्यशाला आज समापन हुआ। समापन पर भारतीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के सेवानिवृत्त उद्यान वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार गोयल ने बताया कि किसानों को कमल की खेती करना चाहिए इससे किसानों की आय बढ़ेगी। कमल के साथ में मछली पालन बहुत अच्छा व्यवसाय है कमल की पत्ती, फूल, जड़ एवं तना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। भारतीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ शर्मा ने विभिन्न प्रकार की सीजनल फूलों की खेती के बारे में बताया उन्होंने कहा कि किसानों को मौसमी फूलों की खेती करनी चाहिए इसके लिए मुर्गकेस, पेन्जी, एस्टर, बालसम डांगफ्लावर एवं डहेलिया की खेती करने पर जोर दिया।
भारतीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एस के तिवारी ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये । चंद्र भानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी एवं सहायक आचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित कर कहा कि कृषि शिक्षा किसानों के खेतों से ही शुरू होती है उन्होंने कहा कि जब कहीं पर भी फूल की खेती नहीं होती थी तो बख्शी का तालाब फूलों की खेती के लिए जाना जाता था आज भी यहां पर गुलाब, गेंदा एवं ग्लेडियोलस की खेती होती है। उद्यान विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ जसकरण सिंह एवं डॉ लल्लन प्रसाद यादव ने बताया कि फूलों की खेती आय का अच्छा साधन है किसानों को इसकी खेती करनी चाहिए।
कृषि महाविद्यालय के निदेशक प्रो योगेश कुमार शर्मा एवं प्राचार्य प्रो गजेंद्र सिंह ने बताया कि इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य किसानों को फूलों की खेती से जोड़ना था इस प्रकार से क्षेत्र के किसानों को महाविद्यालय फूलों की खेती करने के लिए प्रेरित करेगा जिससे उनकी आय बढ़ेगी कार्यशाला का आयोजन उद्यान विभाग के द्वारा किया गया जिसमें दीप्ति श्रीवास्तव, डॉ एस पी सिंह , प्रशासनिक अधिकारी शिवमंगल चौरसिया एव उद्यान विभाग लखनऊ द्वारा संचालित फूड टेक्नोलॉजी विषय के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ बल बहादुर सिंह सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षक कर्मचारी एवं छात्र- छात्राओं ने प्रतिभाग किया।